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ओडिशा में 14 सितंबर तक डेंगू के 6,068 मरीज मिले – निरंजन पुजारी

  • एक जनवरी से 14 सितंबर तक 77,001 नमूनों का परीक्षण किया गया

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने आज विधानसभा को सूचित किया कि चालू वर्ष 2023 में 1 जनवरी और 14 सितंबर के बीच डेंगू के लिए 77,001 रक्त नमूनों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से 6,068 मरीजों की रिपोर्ट  पॉजिटिव पाई गई है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकिम के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री निरंजन पुजारी ने कहा कि सरकार ने इस बीमारी के प्रसार की जांच के लिए राज्य में 40 प्रहरी स्थल निर्धारित किए हैं। साइटें सभी जिला मुख्यालय अस्पतालों, एससीबीएमसीएच, एमकेसीजी, वीआईएमएसएआर, आईजीएच राउरकेला, आरजीएच राउरकेला, एसडीएच तालचेर, एसडीएच गुनुपुर, पारादीप सीएचसी, एम्स-भुवनेश्वर, कैपिटल हॉस्पिटल, आरएमआरसी, पटिया स्वास्थ्य केंद्र भुवनेश्वर, आईआरसी ग्राम स्वास्थ्य केंद्र भुवनेश्वर पर उपलब्ध हैं। यहां एलाइजा पद्धति से डेंगू की जांच की जाती है। सरकार ने लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 49,000 प्रशिक्षित आशा को काम पर लगाया है। इसी प्रकार से इस उद्देश्य के लिए पांच नगर निगमों में 190 स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है। मरीजों के लिए सभी जिला मुख्यालय अस्पतालों, उपमंडलीय अस्पतालों, सीएचसी में विशेष डेंगू वार्ड स्थापित किए गए हैं। सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को जांच के लिए रक्त के नमूने प्रहरी स्थलों पर भेजने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ट्रांसफ्यूजन के लिए ब्लड बैंकों में पर्याप्त रक्त और प्लेटलेट्स जमा कर लिए गए हैं। सरकार ने राज्य में डेंगू उन्मूलन कार्यक्रम भी तेज कर दिया है। पुजारी ने कहा कि इस बीमारी के विश्लेषण के लिए आरएमआरसी में सीरोटाइपिंग भी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और पांच नगर निगमों के आयुक्तों को सलाह, एसओपी और नियम-कायदे भेज दिया है। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मच्छरों के प्रजनन को नष्ट करने के लिए सभी जिलों में मच्छर रोधी तेल की आपूर्ति की गई है। डेंगू रोगियों के उपचार में लगे स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित किया गया है। डेंगू के नैदानिक प्रबंधन के लिए सभी चिकित्सा विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को जिला स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि टीवी, रेडियो और समाचार पत्रों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान तेज कर दिया गया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि एनवीबीडीसीपी (राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम) के तहत डेंगू से मरने वाले मरीजों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार के पास ऐसा कोई नियम नहीं है।

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