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28 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनेगा निम्न दबाव का क्षेत्र
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आईएमडी ने भी दिए संकेत, कहा-स्थिति पर रखी जा रही है नजर
भुवनेश्वर। आगामी अक्टूबर के पहले सप्ताह में चक्रवात तूफान की संभावना है। अगले 28 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा। यह जानकारी कई मौसम एजेंसियों की भविष्यवाणी के जरिए दी गई है।
मौसम मॉडल का अनुमान है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान विकसित हो सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भी इस संबंध में संकेत दिया है।
सूत्रों के अनुसार, 28 सितंबर के आसपास पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। यह सिस्टम अक्टूबर के पहले सप्ताह में एक चक्रवात में तब्दील होने की संभावना है। एक्यू वेदर के अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञानी जेसन निकोल्स ने एक ट्वीट कर चक्रवात बनने की जानकारी दी।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि अगले सप्ताह के अंत में या अक्टूबर के पहले सप्ताह के दौरान बंगाल की खाड़ी में निम्न और संभवतः एक चक्रवात आने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो सकती हैं।
ईसीएमडब्ल्यूएफ और जीएफएस मॉडल ने निम्न दबाव के गठन के बाद एक चक्रवात की संभावना जताई है। इसके साथ ही बताया है कि यह तीव्रता के साथ भारत के पूर्वी तट की ओर बढ़ेगा। हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले अपने दो सप्ताह के पूर्वानुमान में दूसरे सप्ताह यानी 29 सितंबर से 5 अक्टूबर तक चक्रवात की संभावना के बारे में उल्लेख किया था।
यदि यह प्रणाली चक्रवात में तब्दील हो जाती है, तो इसे ‘तेज’ के नाम से जाना जाएगा। यह नाम भारत ने सुझाया है।
सूत्रों के अनुसार, संभावित चक्रवाती तूफान पूर्वी भारत, खासकर उत्तरी आंध्र और दक्षिण ओडिशा को प्रभावित कर सकता है। सितंबर के अंत और अक्टूबर की शुरुआत में पश्चिमी तट पर वर्षा गतिविधि में वृद्धि की उम्मीद है।
इधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने शुक्रवार को कहा कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। अवसाद के तीव्र होने की संभावना। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है, लेकिन यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि यह तट पर कब पहुंचेगा और इसका संभावित प्रभाव क्या होगा। अब तक आईएमडी ने चक्रवात की कोई भविष्यवाणी नहीं की है और ओडिशा या किसी अन्य राज्य के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। सितंबर के अंत में चक्रवाती परिसंचरण और उसके बाद कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।
अफवाह पर विश्वास नहीं करने की सलाह
उन्होंने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर की अवधि को ओडिशा में चक्रवात का मौसम माना जाता है। महापात्र ने लोगों को अफवाहों पर विश्वास न करने और आईएमडी द्वारा साझा की जा रही जानकारी का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित सिस्टम पर नजर रख रहे हैं और स्पष्ट तस्वीर सामने आने पर आगे की जानकारी साझा की जाएगी।
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