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तैयारियां जोरों पर, चंदन तालाब से निकाले गए नौका
विष्णु दत्त दास, पुरी
श्रीक्षेत्र जगन्नाथ धाम पुरी में 12 महीने में 13 यात्रा की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कुछ भी हो जाए लेकिन परंपरा यहां हमेशा कायम रही है और मान्यता है कि रहेगी. आज कोरोना की मार से विश्वभर में अब आतंक सा माहौल है. देशभर के साथ ओडिशा में भी लागडाउन 14 अप्रैल तक अब तक जारी है. फिर भी बड़ी मेहनत के साथ कुल 20 भोई सेवायतों ने आज नरेंद्र तालाब व चंदन तालाब के नाम से प्रसिद्ध यहां के बड़े तालाबों से नौका को निकाला.
इसमें 21 दिन के लिए भगवान जगन्नाथ जी के प्रतिनिधि मदन मोहन रामकृष्ण भूदेवी श्रीदेवी इनके अलावा क्षेत्र पुरी धाम में विराजित पंच पांडव, जंभेश्वर, श्री लोकनाथ, कपाल मोचन, मार्कंडेश्वर, नीलकंठेश्वर ये महादेव भी चंदन यात्रा के स्वतंत्र नौका में विराजित होकर 21 दिन तक जलविहार करेंगे. यह परंपरा यहां की भक्ति भावना को और जागृत कर देता है. इन परंपरा को कायम रखते हुए 26 अप्रैल अक्षय तृतीया से शुरू होने वाली चंदन यात्रा की तैयारियां आज से शुरू हो गयीं. हर साल यात्रा संपन्न होने के बाद नौकाओं को चंदन तालाब में डुबा कर सुरक्षित रखा जाता है. फिर यात्रा से पहले निकाल कर उसको रखा जाता है. 26 अप्रैल को शुरू होने वाली यह यात्रा 15 मई तक चलेगी.
अगर कोरोना का लाकडाउन की स्थिति में सुधार आ जाएगी तो पहले की तरह यहां भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने की आशा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की तरफ से तैयारियां शुरू की गयी हैं. यहां आज नौका निकालने वाले भोई सेवायतों ने भगवान जगन्नाथ जी के भरोसे सब काम ठीक होने की आशा व्यक्त की है. आज नौका निकालते समय भक्ति भाव के कारण कोई सामाजिक दूराव को ना मानते हुए भक्ति भाव से जय जगन्नाथ उद्घोष उनके साथ नौका निकाले गये. यह कार्य बड़ी मेहनत वाला था, लेकिन सब भगवान की कृपा से सफलतापूर्वक हो गया. अब श्रद्धालुओं की निगाहें आने वाली चंदन यात्रा पर टिकी है.