Home / Odisha / ओडिशा में स्क्रब टाइफस का कहर, बरगढ़ में 5 लोगों की मौत

ओडिशा में स्क्रब टाइफस का कहर, बरगढ़ में 5 लोगों की मौत

  •  4 नए मामले सामने आए

भुवनेश्वर। ओडिशा में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच स्क्रब टाइफस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। राज्य में धान का कटोरा कहे जाने वाले बरगढ़ जिले में स्क्रब टाइफस बीमारी से पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि चार नए मामले सामने आए हैं। पांच मृतकों में से दो सोहेला ब्लॉक से हैं और एक-एक जिले के अताबीरा, बरपाली और भेदेन ब्लॉक से हैं। बताया जाता है कि 10 सितंबर तक जिला चिकित्सा विभाग ने 168 लोगों के रक्त के नमूनों की जांच की है और चार को कुटकी (माइट) के काटने से होने वाली बीमारी के लिए पॉजिटिव पाया गया है। चारों ठीक हो गए हैं। हालांकि, इस सप्ताह चार नए मामले सामने आए है। बताया गया है कि यह रोग उन लोगों में अधिक आम है, जो कृषि क्षेत्रों में काम करते हैं या वनोपज इकट्ठा करने के लिए जंगलों में जाते हैं। परिणामस्वरूप इस जिले के किसान समुदाय में दहशत व्याप्त है।

बरगढ़ के जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी साधु चरण दाश ने कहा कि अगस्त में 168 नमूनों का परीक्षण किया गया, लेकिन ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए। 10 सितंबर के बाद मामले पाए गए हैं। 4 मामले में संक्रमित व्यक्ति सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा अब तक बरगढ़ जिले से 5 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। 5 में से दो का इलाज बुर्ला में, 2 का विकास अस्पताल में और 1 का बलांगीर में इलाज चल रहा था।

इस बीच, पश्चिमी ओडिशा से इस रोग के कम से कम 3 मामले सामने आए हैं। सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा और बरगढ़ जिले से एक-एक मामला सामने आया है। सभी मरीजों का फिलहाल बुर्ला स्थित विमसार अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि बीमारी के कारण किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।

स्क्रब टाइफस की प्रकृति

बताया जाता है कि माइट कीड़े के काटने से होने वाली स्क्रब टाइफस एक जूनोटिक बीमारी है।  ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी एक ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया है, जो मनुष्यों में इस संक्रमण का कारण बनता है। इसके बाद रोडेंट जैसे जानवरों से इसे माइट लाते हैं मनुष्य को काटने के साथ-साथ यह रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है।

स्क्रब टाइफस के लक्षण

इस बीमारी के सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और काटने की जगह पर खरोंच या घाव शामिल हैं। रोग के लक्षण आमतौर पर मेजबान के साथ बातचीत के 10 दिनों के भीतर शुरू होने लगते हैं। उपचार में देरी इस बीमारी के रोगियों के लिए खतरनाक है क्योंकि इससे अंग विफलता और अधिक घातक परिणाम हो सकते हैं।

स्क्रब टाइफस कोई नई बीमारी नहीं

मीडिया से बात करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने कहा कि स्क्रब टाइफस कोई नई बीमारी नहीं है। पिछले साल ओडिशा में भी इसका पता चला था। यह एक जीवाणु रोग है और तब होता है जब लोगों को चिगर नामक लाल-कीट जैसी जीवाणु काट लेता है। ऐसा खासकर तब होता है जब लोग खेतों और जंगल में काम कर रहे होते हैं। इस बीमारी के सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और काटने की जगह पर खरोंच या घाव शामिल हैं।

Share this news

About desk

Check Also

कोरापुट में ट्रक की चपेट में आने से चार की मौत

खेत में मजदूरी करने जा रहे सभी चार युवक कोरापुट। कोरापुट जिले में नेशनल हाईवे-26 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *