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आंकड़े के मामले में राज्य देश से औसत दर से आगे निकला
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साल 2021 में ओडिशा में 5,651 लोगों ने की खुदकुशी
भुवनेश्वर। ओडिशा में आत्महत्या की दर ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य ने देश के औसत दर को छोड़कर आगे निकल गया है। इस बात का खुलासा साल 2021 के अध्यन से हुआ है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जहां भारत में औसत आत्महत्या दर 12 प्रतिशत है, वहीं ओडिशा में 12.3 प्रतिशत आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, युवाओं में आत्महत्या की संख्या बढ़ रही है। दुनियाभर में हर साल लगभग 10 लाख लोग आत्महत्या कर रहे हैं। जहां हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करके अपनी जान दे रहा है, वहीं दुनिया भर में हर तीन सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा है।
एनसीआरबी की नवीनतम सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में भारत में लगभग 1,64,000 लोगों ने आत्महत्या की। उनमें से, ओडिशा में 5,651 लोगों ने उसी वर्ष आत्महत्या की, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य में 2021 में आत्महत्या करने वालों में 4,412 पुरुष और 1,239 महिलाएं हैं।
एक साल में दोगुनी आत्महत्या
रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा में साल 2020 की तुलना में 2021 में आत्महत्याओं की संख्या दोगुनी हो गई। राज्य में घरेलू समस्याओं के कारण 71 प्रतिशत लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
जब 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, तो ओडिशा में सामाजिक वैज्ञानिकों और मनोवैज्ञानिकों ने राज्य में आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों ने कहा कि देशभर में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति के पीछे सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक कारण हैं। यह मुख्यतः एक मनोवैज्ञानिक समस्या है। सामाजिक कार्यकर्ता रुतुपर्णा मोहंती ने कहा कि पारिवारिक मित्रों और विशेषज्ञों को आत्महत्या को रोकने के लिए इन मनोवैज्ञानिक मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।