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नावों से नदी पार करने के लिए मजबूर हैं कई गांवों के लोग
जाजपुर। जिले में ब्राह्मणी नदी पर पुल निर्माण की गति काफी धीमी है। इससे लोगों को नांव से नदी को पार करना पड़ता है। कई गांवों के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि जिले बारी, रसूलपुर, सदर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कई गांवों के निवासियों को अपनी जान जोखिम में डालकर ब्रह्मबरडा गांव के पास ब्राह्मणी नदी को पार करते हैं। स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है। हालांकि पुल का शिलान्यास 2016 में किया गया था, लेकिन आरोप है कि ठेकेदार और जिला प्रशासन की लापरवाही और ढुलमुल रवैये के कारण यह सात साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुल का निर्माण लगभग सात साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है। पुल न होने से 10 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छात्रों, बुजुर्गों और मरीजों को बारिश के मौसम में स्कूल, कॉलेज, बाजार, अस्पताल और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए खतरनाक तरीके से उफनती नदी को पार करना पड़ता है। एक छात्रा ने कहा कि हम अक्सर कॉलेज में अपनी कक्षाएं मिस कर देते हैं, क्योंकि हम नदी पार करने के लिए नावों पर निर्भर हैं। अगर पुल पूरा हो गया होता, तो हमारी कक्षाएं नहीं छूटतीं। उल्लेखनीय है कि 11 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण शुरू हुआ। निर्माण कार्य तीन साल के अंदर पूरा करने की समयसीमा थी, लेकिन धीमी गति के कारण पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका।
इस बीच, जाजपुर ग्रामीण विकास विभाग के कार्यकारी अभियंता ज्ञानरंजन नायक ने आश्वासन दिया कि पुल का काम इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि
निर्माण कार्य में देरी मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण हुई। थोड़ी तकनीकी दिक्कतें भी थीं। हमने पुल विशेषज्ञों से सलाह ली है और चीजें सुलझा ली गई हैं। उम्मीद है कि पुल का काम इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।