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जल के सतह पर तैलीय पदार्थ मिला और काफी झागदार रहीं लहरें
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ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच के लिए संग्रह किया नमूना
पारादीप। पारादीप समुद्र तट के पास समुद्री पानी की सतह पर एक तैलीय पदार्थ तैरता हुआ पाया गया। इसके साथ ही समुद्र की लहरें झागदार थीं और पानी का रंग हरा।
समुद्री जल में अचानक ऐसे बदलाव को लेकर पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ा दी है। पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे समुद्री जीवों को नुकसान हो सकता है।
ओडिशा समुद्री मछली उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीकांत परिडा ने कहा कि मछुआरों से जानकारी मिलने के बाद मैं स्वयं देखने के लिए घटनास्थल पहुंचा। वहां गया तो पाया कि पानी की सतह पर एक तैलीय पदार्थ तैर रहा है। मेरे द्वारा एकत्र की गई जानकारी के अनुसार, यह स्थिति पारादीप आईओसीएल से लेकर गहिरमाथा तक पूरे मार्ग पर बनी हुई है। पहले से निम्न दबाव के क्षेत्र और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण मछुआरों के व्यवसाय खतरे में डाल रखा है। अब इस नई मुशिबत से व्यापार और ठप पड़ जाएगा। इस बीच
सूचना मिलने पर आईओसीएल तेल रिफाइनरी के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। इधर, ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (ओएसपीसीबी) के अधिकारियों ने कई स्थानों से पानी के नमूने एकत्र किए। इधर, आईओसीएल के महाप्रबंधक ओम प्रकाश ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि आईओसीएल के खिलाफ आरोप निराधार हैं। कंपनी से किसी प्रकार का कोई रिसाव नहीं है।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए ओएसपीसीबी के वैज्ञानिक दिव्यलोचन महापात्र ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि पारादीप के पास समुद्री जल पर एक तैलीय कीचड़ जैसा पदार्थ तैर रहा है। मैंने घटनास्थल का दौरा किया। मैंने नमूने एकत्र कर लिए हैं और जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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