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घटना का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने जांच करने का आदेश
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डीआईजी रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी से इसकी जांच कराने को कहा
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कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले वर्जित अभ्यर्थियों को भी मुख्य परीक्षा में बैठने की इजाजत मिली
कटक। ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (ओएसएससी) के तहत आयोजित जेई (सिविल) की मुख्य लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की घटना की जांच अब अपराध शाखा करेगी। मुख्य लिखित परीक्षा प्रश्न पत्र लीक घटना का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने आज शनिवार को अपराध शाखा को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच डीआईजी रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए। कोर्ट ने फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले वर्जित अभ्यर्थियों को भी मुख्य परीक्षा में बैठने की इजाजत दे दी। हालांकि, उनके परीक्षा परिणाम मामले के नतीजे पर निर्भर करेंगे। इससे पहले 27 जुलाई को बालेश्वर पुलिस ने मामले के मास्टरमाइंड समेत आठ लोगों को बिहार से गिरफ्तार किया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल के दीघा इलाके से नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
23 जुलाई को बालेश्वर की पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रश्न पत्र लीक घटना की पुष्टि करने के बाद ओएसएससी ने 16 जुलाई, 2023 को आयोजित जेई (सिविल) के लिए मुख्य लिखित परीक्षा रद्द कर दी। आयोग ने परीक्षा को भी 3 सितंबर के लिए पुनर्निर्धारित किया था। परीक्षा रद्द होने के तुरंत बाद, बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और घोटाले में कथित रूप से शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि आरोपियों ने 88 अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्नपत्र लीक किया।
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