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जलवायु परिवर्तन ने रची नई उक्ति, गरजने वाले बादल जमकर रहे बरस
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ओडिशा में अब बरसने से पहले सुनने को मिल रही बादलों की जमकर गर्जना
हेमंत कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
जलवायु परिवर्तन अब कहावतों को भी बदलने लगा है। पहले लोग कहते थे कि गरने वाले बादल बरसते नहीं, लेकिन अब यह कहावत लगता है कि बदल गई है।
जी हां! बारिश के इस मौसम में हाल के दिनों में जो हालात देखने को मिल रहे हैं, उससे तो अब लगने लगा है कि बादल जितना गरज रहे हैं उतना या उससे कहीं अधिक बरस रहे हैं।
हाल के दिनों में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और कटक में ऐसी घटनाएं महसूस की जा रही हैं। बारिश होने से पहले काले बादल जमकर गरज रहे हैं और उसके बाद झमाझाम बारिश से इलाकों को जलमग्न कर रहे हैं।
बीते मार्च महीने में हुई गर्जना और मौजूदा मौसम को देखने लगता है कि जलवायु परिवर्तन अब नई युक्ति की रचना लगा है कि गरजने वाले बादल अब जमकर बरसने लगे हैं।
राजधानी भुवनेश्वर में शुक्रवार शाम और शनिवार दोपहर को कुछ ऐसा मौसम देखने को मिला। बारिश होने से लगभग आंधे घंटे पहले से बादल की तेज गर्जना शुरू हो रही है और उसके बाद मूसलधार तेज बारिश भी हो रही है। स्थानीय लोगों को कहना है कि बारिश के इस सीजन इस तरह बादल का पहले गरजना काफी बढ़ गया है। लगता है कि बादल सिर के ऊपर ही गरज रहे हैं।
बादल के गरजने के दौरान कई जगहों पर बिजली गिरने की खबर है। खुर्दा के निराकारपुर और डालाका इलाके में शुक्रवार शाम बिजली गिरने से चार छात्र और दो शिक्षकों सहित सात लोग घायल हो गए। छात्र और शिक्षक एक कोचिंग सेंटर से लौट रहे थे, तभी भारी बारिश होने लगी। वे एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी बिजली गिरी, जिससे वे सभी घायल हो गए। घायलों को खुर्दा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। एक अन्य घटना में खुर्दा के डालाका गांव में एक महिला भी बिजली गिरने से घायल हो गई। पीड़िता का भी खुर्दा जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भारी बारिश से निचले इलाके जलमग्न
भारती बारिश से प्रभावित जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। राजधानी भुवनेश्वर में शुक्रवार शाम को बारिश के दौरान दृश्यता में काफी गिरवाट रही। शनिवार को भी हुई बारिश के कारण निचले इलाकों में जलजमाव होने के कारण जनजीवन बाधित रहा।
मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी
हालांकि मौसम विभाग ने भुवनेश्वर में बादल गरजने, बिजली गिरने, आंधी और तेज बारिश को लेकर चेतावनी जारी की थी। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार राजधानी शहर में लगभग एक घंटे से अधिक समय तक लगातार कड़कती बिजली और आंधी देखने को मिला। इसे लेकर लोगों में डर और दहशत फैल गई। मौसम विभाग ने राजधानी में मौसम पर नजर रखने और उसके अनुसार बिजली गिरने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा
इस बीच मौसम विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि अगले 48 घंटों के भीतर बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है, जिससे इस महीने की 3 और 4 तारीख को राज्य में भारी बारिश हो सकती है। एहतियात के तौर पर राज्य के 22 जिलों के लिए मौसम की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है।
मार्च महीना था काफी डरवाना
ओडिशा में बीता मार्च महीने में कुतरत का विकराल रूप देखने को मिला था। इस दौरान 20 और 21 मार्च को कुदरत कहर के रूप में कोरापुट जिले में 45 मिनट में 21 हजार 91 बिजली गिरी, जबकि विश्वविख्यात चिलिका झील में चार फीट ऊंची लहरें उठीं थी।
कोरापुट जिला तेज आवाज के साथ आसमान से बिजली गिरने से दहल उठा था। जिले के बैपारीगुड़ा, बोरीगुम्मा, कोरापुट, लामतापुट, जयपुर, सेमिलिगुड़ा, नंदपुर और कुंदुरा में 45 मिनट में 21 हजार 91 बिजली गिरी थी। इससे पहले भद्रक के बासुदेवपुर में 30 मिनट में 5000 से अधिक बार बिजली गिरी थी और पांच लोगों की मौत हुई थी।