बारिपदा। बारिश के इस सीजन में कम बरसात होने के कारण मयूरभंज जिले में सूखे जैसी स्थिति गंभीर हो गई है। खेतों में दरारें पड़ गई हैं और अधिकांश रोपित फसलें कम बारिश के कारण खराब हो गई हैं। इसके अलावा, अधिकांश सिंचाई सुविधाएं ख़राब हो गई हैं, जिससे स्थिति और भी बदतर हो गई है। आने वाले दिनों में बारिश पर अनिश्चितता और संभावित सूखे की स्थिति के कारण जिले के रायरंगपुर ब्लॉक में किसान अंधकारमय भविष्य की ओर देख रहे हैं। बताया गया है कि रायरंगपुर प्रखंड के भालूबासा पंचायत में बारिश की भारी कमी के कारण रोपे गए अधिकांश धान की फसल खराब हो गई है और खेतों में दरारें पड़ गई हैं। बारिश में अनिश्चितता के कारण फसलों के पुनर्जीवित होने की कोई उम्मीद नहीं होने के कारण किसानों ने खुद को भाग्य के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। किसानों का मानना है कि बारिश की कमी के कारण हमें इस साल धान की फसल पैदा होने की कोई उम्मीद नहीं है। हमने अब खुद को भाग्य के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। एक अन्य किसान ने कहा कि हम पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं। यह हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत है। बारिश की कमी के कारण सूखे की स्थिति गंभीर है। अब हम अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं। सुदामा चरण कुंभकार ने कहा कि हमें यह पता नहीं है कि हम कैसे जीविकोपार्जन करें और अपने बच्चों को कैसे खिलाएं।
हालांकि इस क्षेत्र में सिंचाई की सुविधाएं हैं, लेकिन नहरें ख़राब पड़ी हैं। वे घास-फूस और कचरे से भरी हुई हैं। नतीजा, 1980 में बनी नहरें सुनपासी, नौजोड़ा, मुसाबनी, पड़ाडीहा और भोलाबेड़ा जैसे गांवों के किसानों के लिए किसी काम की नहीं हैं।
हालांकि ग्रामीण सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को कर का भुगतान कर रहे हैं, लेकिन वे इसका लाभ उठाने से वंचित हैं। वे कई बार जिला प्रशासन से नहरों की मरम्मत कराने की गुहार लगा चुके हैं। हालांकि, इस बात को अनसुना कर दिया गया है।