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केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों को दिया थ्री-एस का मंत्र

  • प्रधान ने कहा-विकसित भारत व ओडिशा के लिए अपने आप को स्किल, स्केल व स्पीड अप कराने की आवश्यकता

  • विश्वविद्यालय का प्रत्येक छात्र देश का अकादमिक नेता बनेगा : प्रो चक्रधर त्रिपाठी

  • ओडिशा केन्द्रीय विश्वविद्यालय का 15वां स्थापना दिवस

भुवनेश्वर। केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान मंगलवार को कोरापुट स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 15वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये जुड़े व छात्र-छात्राओं को थ्री-एस का मंत्र दिया।

प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में ओडिशा व भारत को विकसित करने के लिए मूल मंत्र है स्किल, स्केल व स्पीड। पहले स्कील्ड यानी कौशलयुक्त होना, बाद में इसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्केल अप कर आगे बढ़ना तथा अंतम में इस स्पीड अप करना, यानी तेजी लाना।

उन्होंने कहा कि इस थ्री-एस के द्वारा ही कोरापुट विकसित होगा। कोरापुट विकसित होने पर ओडिशा विकसित होगा तथा ओडिशा विकसित होने पर भारत विकसित होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोरापुट केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं इसे संकल्प के रूप में लेंगे और कार्य करेंगे।

प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में तैयार नई शिक्षा नीति में बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है। मातृभाषा में अध्ययन करने पर ही बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग व अनुसंधान करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। अविभाज्य कोरापुट जिले में जनजातीय वर्ग के लोगों की कथित भाषा परंपरा है। इसलिए प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को मातृभाषा में मिले और वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े, यही नई शिक्षानीति की कल्पना है।

ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी ने की और टीएमबी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो विभाष चंद्र झा ने स्थापना दिवस व्याख्यान दिया। विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी प्रो. एनसी पंडा ने स्वागत भाषण दिया। मंच पर परीक्षा नियंत्रक प्रो प्रशांत मेश्राम भी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस दौरान कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी ने अध्यक्षीय भाषण दिया और सीयूओ परिवार को सफलतापूर्वक 14 वर्ष पूरे करने के लिए बधाई दी। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी और धरती पुत्र शहीद लक्ष्मण नायक को याद करके की। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के 14 वर्षों से लेकर अब तक की उपलब्धियों के बारे में बताया।

उन्होंने हाल के वर्षों में विश्वविद्यालय के प्रमुख विकासों पर प्रकाश डाला, जिसमें विश्वविद्यालय में कृषि, वन प्रबंधन, पशुपालन और डेयरी में चार नए बी.एससी कार्यक्रम और लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में पीजी पाठ्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विश्वविद्यालय सफलता की नई राह पर चलेगा। एनईपी 2020 के अनुसार उन्होंने छात्रों से नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने का आग्रह किया और आशा व्यक्त की कि प्रत्येक छात्र देश का शैक्षणिक नेता बनेगा।

डॉ. रूद्राणी मोहंती, एसोसिएट प्रोफेसर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और बैठक का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ निर्झरिणी त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर कुलपति ने जर्नल ‘साइंस एंड कल्चर’ के दो विशेष अंक जारी किए, जिसका संपादन सीयूओ के अकादमिक सलाहकार प्रोफेसर सुधेंदु मंडल ने किया। बैठक में इलाके के अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, सीयूओ के वरिष्ठ प्रोफेसर, संकाय सदस्य, कर्मचारी, अनुसंधान विद्वान और विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए।

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