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राउत ने आलाकमान से बिस्वाल और मुकिम के निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया
भुवनेश्वर। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस से निलंबन के बाद चिरंजीब बिस्वाल ने सोमवार को वरिष्ठ नेता जयदेव जेना और एआईसीसी महासचिव शरत राउत से मुलाकात की। बिस्वाल ने कथित तौर पर भुवनेश्वर में जेना के आवास पर वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ अपने निलंबन के मुद्दे पर चर्चा की। उल्लेखनीय है कि एआईसीसी महासचिव शरत राउत ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अनुशासन पैनल के सदस्य तारिक अनवर से मुलाकात की थी। सूत्रों ने कहा कि राउत ने आलाकमान से चिरंजीब बिस्वाल और मोहम्मद मुकिम के निलंबन पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयदेव जेना ने कहा कि कांग्रेस भाजपा और बीजद के खिलाफ लड़ रही है, क्योंकि दोनों एक हैं। कांग्रेस ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है और हम आगामी चुनाव के लिए तैयार हैं। जेना के मुताबिक एआईसीसी स्तर पर चर्चा हुई और निलंबन का फैसला लिया गया, जिस पर आलाकमान पुनर्विचार कर सकते हैं। जेना कहा कि दिवंगत बसंत बिस्वाल और जानकी बल्लभ पटनायक शासन के दौरान कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह थी और बसंत बिस्वाल और लालू महापात्र को निलंबित कर दिया गया था। बाद में निलंबन वापस ले लिया गया और हमने 1995 में सरकार बनाई। फिर से एकजुट होने और फिर से सरकार बनाने का समय आ गया है।
एआईसीसी महासचिव शरत राउत ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि पार्टी को मजबूत करने और मुद्दों को हल करने के लिए क्या किया जा सकता है। हमें पार्टी को आगामी चुनावों के लिए तैयार करने की जरूरत है। राउत ने कहा कि मैंने हाल ही में ओडिशा प्रभारी ए चेलाकुमार और अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर के साथ चर्चा की थी।
दोनों नेताओं के निलंबन पर राउत ने कहा कि निलंबित करने की कहां तक जरूरत थी, इस पर तो पीसीसी अध्यक्ष ही बता सकते हैं, जिनके आरोपों पर ऐसा फैसला लिया गया और ओडिशा प्रभारी ही बता सकते हैं। चूंकि चुनाव करीब है, मैं कहना चाहता हूं कि पार्टी को पुनर्गठित करने की जरूरत है और यह किसी को बाहर करके नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अनुशासनहीनता करता है, तो उन्हें चेतावनी जारी की जा सकती है और निलंबन नोटिस पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है। हम कह रहे हैं कि निलंबन आदेश रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि दोनों नेताओं ने कभी नहीं कहा कि वे पार्टी छोड़ेंगे या पार्टी के खिलाफ काम करेंगे।