भुवनेश्वर। बिल पास करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में एक अभियंता को विजिलेंस कोर्ट ने तीन साल की सजा व जुर्माने की सजा सुनाई है। फुलवाणी के विशेष विजिलेंस अदालत ने बौध जिले के तत्कालीन ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता भावग्राही सामंतराय को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने उन्हें पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने की स्थिति में उन्हें तीन माह और जेल में रहना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गत 2019 में बौध जिले के खुंटुबंध पंचाय़त के जह्नापंक गांव में ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग द्वारा एक सौर परियोजना की स्थापना की गई थी। तत्कालीन सरपंच मित्रभानु प्रधान इस परियोजना की निगनारी की जिम्मेदारी में थे। काम समाप्त होने के बाद जब बिल के अनुमोदन के लिए अभियंता सामंतराय से अनुरोध किया गया तब उन्होंने इसे पास करने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। इस बारे में विजिलेंस को अवगत कराये जाने के बाद उन्हें रंगेहाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया तथा पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार उन्हें रिश्वत लेते समय विजिलेंस के अधिकारियों ने उन्हें दबोच लिया था। इस बारे में ब्रह्मपुर के विजिलेंस थाने में एक मामला पंजीकृत कर जांच किया गया तथा फुलवाणी विजिलेंस अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। विजिलेंस जज समर बिलास बेहरा ने 13 गवाहों के बयान के आधार पर अभियंता को दोषी पाया और सजा सुनाई है। अभियंता सामंतराय अब सहकारी अभियंता के रुप में नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।