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प्रश्न पत्र लीक होने से आक्रोशित अभ्यर्थियों ने आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया
भुवनेश्वर। ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (ओएसएससी) का प्रश्न पत्र लीक होने के कारण 16 जुलाई, 2023 को आयोजित जेई (सिविल) की मुख्य लिखित परीक्षा रद्द करने से छात्रों का गुस्सा भड़क उठा है। सोमवार को काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। हालांकि ओएसएससी ने परीक्षा के आयोजन की संशोधित तारीख की घोषणा कर दी है, लेकिन उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया और कथित तौर पर इसमें शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि 88 अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पत्र लीक किया गया।
लीक हुए हैं पेपर – एसपी सागरिका
बालेश्वर की पुलिस अधीक्षक सागरिका नाथ ने रविवार को मीडिया को जानकारी देते हुए प्रश्न पत्र लीक घटना की पुष्टि की। नाथ ने बताया कि जांच से यह स्पष्ट है कि सिविल मुख्य लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गए थे।
इसके अलावा परीक्षा से पहले जब्त किए गए प्रश्नपत्र मूल प्रश्नपत्रों से मेल खाते हैं। नाथ ने कल कहा कि मामले के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
3 सितंबर को नए सिरे से होगी परीक्षा
बालेश्वर की पुलिस अधीक्षक सागरिका नाथ द्वारा पेपर लीक किए जाने की पुष्टि के बाद ओएसएससी ने जेई (सिविल) मुख्य परीक्षा रद्द कर दी और 3 सितंबर को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की।
भाजपा-कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी ने जेई (सिविल) के लिए हाल ही में आयोजित मुख्य लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र के लीक होने को लेकर सोमवार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) पर तीखा हमला बोला। सरकारी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने जानना चाहा कि प्रश्नपत्र बिहार और आंध्र प्रदेश के गिरफ्तार लोगों तक कैसे पहुंचे। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने पूछा कि प्रश्नपत्र बिहार और आंध्र प्रदेश के बिचौलियों तक कैसे पहुंचे जो यहां सक्रिय थे? ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग के वर्तमान अध्यक्ष एक पूर्व पुलिस महानिदेशक हैं। क्या वह शिकायत प्राप्त होने पर अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में नहीं जानते हैं? क्या यह रैकेट सिर्फ बिचौलियों द्वारा चलाया जा रहा है? क्या ओएसएससी में से कोई भी इसमें शामिल नहीं है?
सरकार की भूमिका पर सवाल, एसआईटी जांच की मांग
भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि ऐसे घोटालों में ओडिशा सरकार क्या भूमिका निभा रही है। ये सभी चीजें जीए विभाग के अंतर्गत आ रही हैं। इसकी जांच एसआईटी से करायी जानी चाहिए और घोटाले में शामिल ओएसएससी के अधिकारियों को जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए।
5टी है लेकिन पारदर्शिता नहीं – शरत
इस घटना में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ओपीसीसी प्रमुख शरत पटनायक ने कहा कि 5-टी है, लेकिन पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि वहां कोई तो होगा। यदि ओएसएससी में से कोई भी शामिल नहीं है, तो प्रश्नपत्र कैसे लीक हो रहे हैं? अगर यह लीक हुआ है तो राज्य सरकार दोषियों को सजा क्यों नहीं दे रही है? यहां 5-टी है, तो फिर इन चीजों का निपटारा क्यों नहीं किया जा रहा है। शब्दों को छोड़कर कहीं भी कोई पारदर्शिता नहीं है। राज्य सरकार को राज्य के गरीब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करना चाहिए।
बीजद का पलटवार
अपनी सरकार का पक्ष रखते हुए बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा कि भाजपा की ओडिशा इकाई का नौकरी घोटाले समेत किसी भी मुद्दे पर बोलना शैतान के वेद पाठ करने जैसा है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा शासन कर रही है, वहां ऐसे कई घोटाले सामने आए हैं और अब तक कुछ नहीं किया गया है। वे अब इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं, जबकि सरकार की एजेंसी की जांच रिपोर्ट के आधार पर नौ लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।