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लाकडाउन में कटक से बिहार-झारखंड की ओर मजदूरों का पलायन

  •  प्रशासन बेखबर, ट्रक एवं ठेला से जा रहे हैं मजदूर

  •  बिहार-झारखंड सीमा से सरकारी बसों से भेजा जायेगा गंतव्य स्थान तक

  •  14 दिनों तक किया जाएगा आइसोलेट

  •  कटक छोड़ने वाले कुछ मजदूरों ने पलायन की बात स्वीकारी

शैलेश कुमार वर्मा कटक

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान की तर्ज पर कटक से भी मजदूर वर्ग के लोग बिहार-झारखंड अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. हालांकि ओडिशा राज्य सरकार की ओर से सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई गई है एवं आश्वासन भी दिया गया है, लेकिन उसके बावजूद मजदूर वर्ग के लोगों में कोरोना वायरस एवं संभावित भूख जैसी समस्या को लेकर उनके अंदर इतनी भय हो गई कि वह कटक से ठेला एवं ट्रक के माध्यम से अपने घर की ओर रवाना हो रहे हैं. हालांकि इस खबर से प्रशासन भी बेखबर है. सूत्रों के अनुसार, जगतपुर से ट्रक के माध्यम से बिहार-झारखंड जाने वाले मजदूर वर्ग के लोग दो 2000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से भाड़ा देकर एक ट्रक में कम से कम 40 से 50 व्यक्ति सवार होकर जा रहे हैं. इतना ही नहीं, कुछ ठेला चालक अपने ठेला से ही बिहार झारखंड अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. सूत्रों से यह भी खबर पता चला है कि जिस ट्रक से वह जा रहे थे, उस ट्रक को बिहार-झारखंड बॉर्डर के पास पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया और जांच कराकर आइसोलेशन में रखा गया है.

14 दिनों के बाद उन सभी को अपने-अपने घर जाने की इजाजत मिल जाएगी. सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि कल कुछ लोग एक ठेला पर चार से पांच व्यक्ति सवार होकर अपने घर की ओर बिहार-झारखंड रवाना हो गए हैं, जिसकी खबर अभी प्रशासन को भी नहीं है. हालांकि सरकार की ओर से हर सुविधा के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 18003456703 जारी की गई है. सरकार की ओर से इस नंबर पर कॉल करने के बाद उन लोगों की भरपूर मदद की जाएगी. कुछ मजदूर वर्ग से बात करने पर उन्होंने झारखंड और बिहार पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां स्कूलों में खाने-पीने की सारी व्यवस्था की गई है एवं जिस ट्रक पर हम लोग जा रहे थे उस ट्रक को पकड़कर हम सभी को सरकारी बसों में भेजा गया. वह मजदूर वर्ग तहे दिल से बिहार-झारखंड पुलिस अधिकारी को सैल्यूट कर रहे थे. एक मजदूर ने यह भी कहा कि अगर यही सारी सुविधा हमें कटक में राज्य सरकार की ओर से समय रहते मिल जाती तो हम सभी कभी भी बिहार झारखंड की ओर पलायन नहीं करते. इस संदर्भ में कटक के डीसीपी अखिलेश्वर सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उनको कोई जानकारी नहीं है. अगर कोई छुप-छुपा कर गया होगा तो मुझे नहीं मालूम है.

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