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फिर गलती, बालेश्वर में सतर्क पायलट ने टाला भीषण रेल हादसा

  • लूप लाइन में चल रही मेमू ट्रेन पर लगाया ब्रेक

  • सैकड़ों यात्रियों की बचाई जान

  • 300 मीटर तक ले पीछे ले जाकर मेन लाइन पर लाया ट्रेन

  • सिंग्लनिंग में फिर गड़बड़ी की ओर किया संकेत

बालेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले में गलतियों के कारण एक बार फिर बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया और सैकड़ों यात्रियों की जान सुरक्षित बची। लोको पायलट की सतर्कता ने इस ट्रेन हादसे को होने से टाला। मंगलवार को एक बड़े ट्रेन हादसे की स्थिति बालेश्वर जिले के नीलगिरि रोड रेलवे स्टेशन पर बरुना सिंह चौक के पास हुई थी। बताया जाता है कि बाहनगा की तरह गलती से यहां भी ट्रेन लूप लाइन ट्रैक पर चल रही थी। यहां कुछ काम चल रहा था, लेकिन सतर्क लोको पायलट को कुछ गड़बड़ी का एहसास हुआ और उसने ब्रेक लगा दिया। इसके बाद उसने हालात को समझा और ट्रेन को लगभग 200 से 300 मीटर पीछे ले गया और उसके बाद उसे मेन ट्रैक पर लाया। लोको पायलट ने ट्रैक एंडप्वाइंट में कुछ गलती देखी और उसके बाद ब्रेक लगाया।

मेमू ट्रेन भद्रक जिले से बालेश्वर की ओर जा रही थी। इस घटना से कुछ समय के लिए मार्ग पर अन्य ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई।

एक यात्री विजयधर बारिक ने कहा कि केवल ट्रेन ड्राइवर ने पटरियों में कुछ गड़बड़ी देखी थी। इसके बाद में ट्रेन लगभग 200 से 300 मीटर तक पीछे चली और हम ट्रेन से उतर गये। ट्रेन धीमी गति से चल रही थी।

घटना के बारे में मेमू ट्रेन के लोको पायलट उमेश पंडा ने कहा कि ट्रेन 7 से 8 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही थी और ट्रैक विपरीत दिशा में सेट किया गया था, क्योंकि कुछ निर्माण कार्य चल रहा था। प्वाइंट टूट सकता था। ट्रेन के पटरी से उतरने की कोई संभावना नहीं थी, लेकिन पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

सिग्नलिंग में गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्वाइंट के फटने से ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हो सकती है।

इधर, ट्रेन जब सुरक्षित बालेश्वर पहुंची तो यात्रियों ने राहत की सांस ली और लोको पायलट को फूलों के गुलदस्ते देकर सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दो जून को बालेश्वर जिले के बाहनगां में तीन ट्रेनों के दुर्घटना के शिकार होने से 290 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी।

Posted by: Desk, Indo Asian Times

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