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मातृशक्ति कटक ने सेवा के क्षेत्र में मिशाल क़ायम की

कटक. कटक की मातृशक्ति ने सेवा के क्षेत्र में मिसाल क़ायम करते हुए तथा मातृत्व की गरिमा को बनाए रखते हुए मानव को ही नहीं वरण पशु-पक्षियों को भी खाना खिलाने का ज़िम्मा उठाया है. इन्होंने कहावत को सत्य साबित कर दिया कि मां के होते कोई भूखा नहीं सो सकता. मिशन सभी तथा हर जीव-जन्तु-पक्षी को बचाना है, हर भूखे को खिलाकर मानव धर्म निभाना है स्लोगन के साथ इन्होंने समाज सेवा की शुरुआत की है.

इन सभी जिम्मेदारी को निभाते हुए मातृशक्ति निरंतर सेवा कार्यों में अग्रसर है. प्रथम चरण में 15 से 17 मार्च तक सिटी हॉस्पिटल से आरम्भ करके शहर के विभिन्न मार्गों पर मास्क, डिटोल साबुन एवं सनिटाइजर प्रारम्भिक आवश्यकता के अनुसार 10 हजार लोगों के बीच वितरित किया गया. दूसरे चरण में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया आह्वान सारे देशवाशी एक साथ ताली थाली बजाकर डाक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मचारियों आदि का धन्यवाद ज्ञापन करेंगे के साथ मातृशक्ति की हजारों बहनो ने 4.30 बजे से एक ही समय पर अपने-अपने घर पर अपने परिवारों के साथ हनुमान चालीसा का (सवा लाख) पाठ किया एवं ठीक पांच बजे सभी ने घंटा, शंख बजाकर सभी सेवाकर्मियों का अभिवादन किया. इसके साथ-साथ एक रेकी व्हाट्सअप ग्रुप पूरे देश से बनाया गया है हैल्दी हैप्पी एंड हैल्दी के नाम से. इसमें रेकी गुरु एवं रेकी चैनल को जोड़ा गया है, जो कि 25 मार्च से 14 अप्रैल तक नित्य रात नौ से 10 बजे तक विश्वव्यापी कोरोना वायरस निदान के लिए 21 दिनों तक रेकी चल रहा है. रेकी एक आध्यात्मिक विद्या है.

प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा जारी लाकडाउन का पूरी तरह सम्मान रखते हुए अपने-अपने घर से ही सेवा करने का बीड़ा उठाया गया है. सभी सदस्यों को बताया गया कि आपके आस-पड़ोस में कोई भी बुजुर्ग और निःशक्त परिवार जो अकेले रहते हैं, उनसे सम्पर्क कर यथोचित सहायता करें. ऐसे कई लोगों को उनकी जरूरत अनुसार सहायता करें, जिसे किया जा रहा है. साथ ही साथ हमारे आस-पास कोई भी जीव मात्र भूखा ना सोए, उसका ध्यान रखते हुए जरूरत मंद को चावल, चूड़ा, दाल, चीनी, बिस्कुट एवं आलू बैग बनाकर दिया का रहा है. तीसरे चरण में कल्पना जैन के नेतृत्व में गली के कुत्ते, गाय और पक्षियों को बिस्कुट, रोटी, ब्रेड, दाना एवं पानी दिया जा रहा है. सम्पत्ति मोड़ा ने बताया आज हमारी अधिकतर सदस्यों द्वारा चार रोटी नित्य बनायी जा रही है. इन बेज़ुबान जानवरों के लिए वे सब अपने गली के कुत्तों, गायों को खिला रहीं हैं.

इतना ही नहीं, इस कार्य में कल्पना के प्रोत्साहन पर ज्ञानशाला के बच्चे घर से ही लग पड़े हैं. विशेष करके सस्मिता दास, हर्ष चोपड़ा, रचित सिंघी, हार्दिक-चहक राखेचा, चिराग पारख, मुस्कान-नैना सेठिया, हर्षित सुराणा, हर्षित-विवेक सेठिया, डिंपल बांठिया आदि.  कल्पना के साथ हर कार्य को सहयोग देने वाली 14 साल की सस्मिता हर दिन एक घंटा घूमकर भूखे जानवरों को ढूंढ ढूंढकर खाना खिला रही है. पुलिसकर्मियों को हमारी सदस्यों द्वारा चाय, बिस्कुट, शर्बत एवं नीम्बू शिकंजी दी जा रही है. इस दौरान क्या करें और क्या न करें के पैम्फ़्लेट भी बाँटे गए. सभी कार्यों में मातृशक्ति को-आर्डिनेटर नीलम साहा, अल्का सिंघी, मंजू सिपानी, सचिव संगीता करनानी, रेणू गर्ग, कविता जैन, सन्तोष चांडक, सोनिया शर्मा, सन्तोषी चौधरी, अर्चना चौधरी, सुनिता साबू संयुक्त गोयनका का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है.

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