-
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चलाया कानून का डंडा
-
तीन अधिकारी नौकरी से बर्खास्त तथा 6 अधिकारियों की पेंशन बंद
इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
ओडिशा में भ्रष्ट तथा निक्कमे नौ अधिकारियों पर गाज गिरी है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के इन नौ भ्रष्ट व निकम्मे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने तीनन अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जबकि छह अधिकारियों की पेंशन बंद करवा दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें विभिन्न क्षेत्र के अधिकारी शामिल हैं। इनमें कार्यकारी अभियंता, ओडिशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, सामाजिक शिक्षा अधिकारी, ऑडिटर, जूनियर इंजीनियर आदि शामिल हैं। इसके साथ-साथ अब तक राज्य सरकार ने कुल 197 अधिकारियों पर इस तरह की कार्रवाई की है।
राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कटक जिले में आरडब्ल्यूएसएस डिविजन-2 के पूर्व अधिशासी अधिकारी शिवराम विश्वाल को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया हैं। उनके वेतन को स्थायी रुप से बंद कर दिया गया है।
इसी तरह कलाहांडी जिले के कर्लामुंडा प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास अधिकारी (सेवानिवृत्त अधिकारी) गंडाराम खमारी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए गए हैं। उनकी पेंशन व ग्रेच्युटी को स्थायी रुप से बंद कर दी गई है।
नवरंगपुर जिले के उमरकोट के पूर्व सहकारी कृषि अधिकारी गोकुल चंद्र नायक को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। भ्रष्टाचार व निकम्मेपन के कारण राज्य सरकार ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।
कंधमाल जिले के जी उदयगिरि के सहकारी अधिकारी कृष्णचंद्र गौड़ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनकी पेंशन व ग्रेच्युटी को स्थायी रुप से बंद कर दिया गया है।
मालकानगिरि जिले में पूर्व मृदा संरक्षण अधिकारी दशरथी त्रिपाठी भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिए गए हैं। इसके बाद उनकी पेंशन व ग्रेच्युटी को स्थायी रुप से बंद कर दिया गया है।
बरगढ़ जिले के सोहेला के आरडब्ल्यूएसएस के पूर्व जेई उपेन्द्र भंज नायक अपने काम ठीक से नहीं कर रहे थे और उनका व्यवहार भी अशिष्ट था। उनके खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।
सुंदरगढ जिले के लोकल फंड ऑडिट विभाग के पूर्व आडिटर सुशील कुमार मेहर को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाया गया है। उनके निकम्मेपन को ध्यान में रखते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
मयुरभंज जिले के उदला के पूर्व सामाजिक शिक्षा अधिकारी आनंद चंद्र नायक को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद उनकी पेंशन व ग्रेच्युटी को स्थायी रुप से बंद कर दिया गया है।
नयागढ जिले के चांदपुर के पूर्व डीएमएसएन सुपरिटेंडेंट डा सुरेन्द्र नाथ पति भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद उनकि भी पेंशन व ग्रेच्युटी को स्थायी रुप से बंद कर दिया गया है।
इससे पहले राज्य सरकार के नवरंगपुर के अतिरिक्त उप जिलाधिकारी प्रशांत राउत के खिलाफ कडी कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से हटा दिया था। राज्य सरकार ने उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट दे दिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।