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बाहनगा रेल त्रासदी के एक माह बाद भी एम्स में पड़े हैं 52 शव

  • अधिकांश शवों के नहीं हैं दावेदार

  • ओझल नहीं हो रही हैं स्मृतियां

  • डीएनए रिपोर्ट के आधार शवों को घर भेजने का सिलसिला है जारी

  • कटक एससीबी एमसीएचमें कुल 22 पीड़ितों का चल रहा है इलाज

हेमन्त कुमार तिवारी, इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।

ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहनगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे के आज एक महीने पूरे गए, लेकिन स्मृतियां आंखों के नजर ओझल नहीं हो रही हैं। भुवनेश्वर एम्स में 52 शव अभी भी पड़े हुए हैं। इनमें से अधिकांश शवों को आज परिवार के लोगों का इंतजार है। अब तक किसी ने भी इन शवों को पर दावा नहीं किया था। एम्स भुवनेश्वर में 81 शवों में से 29 की डीएनए रिपोर्ट आ गई है। इसके आधार पर दावेदारों को शव न सिर्फ सौंपे जा रहे हैं, अपितु उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की गई है।

बीते 2 जून, 2023 को बाहनगा स्टेशन पर एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस तथा सर एम विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस एक दुर्घटना के शिकार हो गई थी। इस ट्रेन हादसे में कम से कम 294 यात्रियों की मौत हो गई थी और एक हजार से अधिक यात्री घायल हुए हैं।

2 जून की शाम को हुए दुखद रेल हादसे में अब तक मृतकों की संख्या 293 हो गई है। इसमें से अज्ञात 81 शव एम्स भुवनेश्वर में रखे गए थे, जिनमें से 29 की पहचान डीएनए परीक्षण के जरिए की गई है। अन्य 52 शवों की पहचान अभी बाकी है। बताया जाता है कि इसमें से अधिकांश शवों के कोई दावेदार नहीं हैं, जबकि कुछ शवों के एक से अधिक दावेदार भी देखने मिले, जिसके लिए डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया।

इस हादसे को हुए भले ही अब एक महीना बीत चुका है, लेकिन उसकी यादें अभी भी जिंदा हैं, क्योंकि आज तक इस हादसे में घायल यात्रियों का इलाज चल रहा है तथा मृतकों के शव घरों को पहुंच रहे हैं। वर्तमान में कटक स्थित एससीबी मेडिल कॉलेज और अस्पताल में कुल 22 पीड़ितों का इलाज चल रहा है, जिनमें से पांच आईसीयू में हैं और 17 विभिन्न वार्डों में भर्ती हैं।

हालांकि हादसे के दौरान स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया था। इस हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी, स्थानीय सांसद प्रताप चंद षाड़ंगी समेत काफी नेताओं ने मौका दौरा किया। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे थे। इस हादसे की सीबीआई से जांच कराई जा रही है, लेकिन अभी तक कोई स्थिति सामने नहीं आई है। हालांकि नई रिले सिग्नल प्रणाली चालू कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि हाभारतीय रेलवे बालेश्वर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना पर सीआरएस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामले में चल रही सीबीआई की जांच पर कोई प्रभाव या हस्तक्षेप न हो।

हालांकि सूत्रों ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह दुर्घटना सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग के साथ-साथ यातायात विभाग में ऑन-ड्यूटी अधिकारियों की मानवीय त्रुटि के कारण हुई।

13 शव परिवार को सौंपे गए

ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहनगा में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के शिकार हुए और 13 लोगों के शव शनिवार को परिवारों को सौंप दिए गए। भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से चार शव बिहार, 8 शव पश्चिम बंगाल और एक शव झारखंड भेजा गया है। परिवारों के लिए एम्बुलेंस और एस्कॉर्ट वाहनों की व्यवस्था क्रमशः ओडिशा सरकार और ईस्ट कोस्ट रेलवे द्वारा की गई। डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर और एम्स, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) और जीआरपी के समन्वय से शवों की पहचान की गई।

प्रधानमंत्री और रेलमंत्री की घोषणा के अनुसार, भारतीय रेलवे पहले ही पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को सीएक्स अनुदान का भुगतान कर चुका है। दावेदारों के आने तक शव सौंपने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

Posted by: Desk, Indo Asian Times

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