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छात्राओं को पढ़ाई के लिए आंध्र सरकार दे रही 10 हजार रुपये
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घर बनाने के लिए दिए 1.80 लाख रुपये
इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
ओडिशा में आदिवासी बहुल कोरापुट जिले के कोटिया और सेमिलिगुड़ा ब्लॉक में घुसपैठ के बाद आंध्र प्रदेश सरकार की नजर अब नंदपुर ब्लॉक के अंतर्गत गोलुरु पंचायत के पहाड़ी गांवों पर टिकी है। बताया जाता है कि आकर्षक प्रस्तावों और सरकारी योजनाओं के साथ आंध्र प्रदेश सरकार कथित तौर पर उन आदिवासियों का समर्थन जीतने में कामयाब रही है, जो उपेक्षा और अभाव में अपना जीवन जी रहे हैं। पड़ोसी सरकार से मिलने वाले तमाम लाभों के कारण आदिवासी धीरे-धीरे आंध्र की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
रायपद गांव की निवासी लक्ष्मी खरा ने मीडिया से कहा कि ओडिशा सरकार ने हमें कुछ नहीं दिया है। आंध्र ने हमारी दुर्दशा देखी और समर्थन दिया। वे प्रत्येक छात्रा को पढ़ाई के लिए 10 हजार रुपये दे रहे हैं, लेकिन ओडिशा सरकार ने एक भी पैसा नहीं दिया। राज्य सरकार केवल झूठे वादे कर रही है, लेकिन ऐसा लगता है जैसे हम उनके लिए अस्तित्व में ही नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि आंध्र सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं को उन दुर्गम ग्रामीणों तक पहुंचा दिया है, जो कोरापुट प्रशासन से किसी भी सहायता से दूर हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता कार्ड और पेंशन से लेकर आवास योजना तक, आंध्र सरकार आदिवासियों को आकर्षित करने के लिए यह सब कर रही है।
एक अन्य स्थानीय ने कहा कि हमारे गांव में 13 परिवार हैं। पिछले साल, जिलाधिकारी ने हमारे गांव का दौरा किया था और हमें पीएमएवाई के तहत घर देने का वादा किया था। एक साल बीत गया, लेकिन हमें आवास योजना के तहत कोई मदद नहीं मिली। अब छह लोगों को आंध्र सरकार से घर के निर्माण के लिए 1,80,000 रुपये मिले हैं।
इसके अलावा आंध्र सरकार गांवों में पानी और बिजली की सुविधा भी मुहैया करा रही है।
नंदपुर बीडीओ सुजीत कुमार मिश्र ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि आदिवासी को घर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव जारी है, लेकिन कुछ कारणों से देरी हो रही है। उन्हें जल्द ही घर दिए जाएंगे।