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भुवनेश्वर के ब्रेन डेड व्यक्ति ने चार लोगों को दिया नया जीवन

  • ग्रीन कॉरिडोर बनाकर नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भेजा गया लीवर

  • दो लोगों को मिली किडनी तथा कोलकाता के एक युवक का फेफड़ा बदला गया

इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति ने चार लोगों को नया जीवन दिया है। उसके अंगों को देशभर के विभिन्न अस्पतालों में चार रोगियों को दान कर दिया गया, जिससे उन्हें नया जीवन मिला।

इस महान व्यक्ति की पहचान भुवनेश्वर के रेंटल कॉलोनी क्षेत्र के निवासी प्रसन्नजीत मोहंती के रूप में बताई गई है। मोहंती को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद उनके परिवार के सदस्यों ने उनके पांच महत्वपूर्ण अंगों को दान करके समाज को एक बड़ा संदेश दिया। ऐसी घटना पहली बार देखने को मिली है, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पांच अंग दान किए गए।

जानकारी के मुताबिक, 22 जून, 2023 को एक दुर्घटना में प्रसन्नजीत के सिर पर गंभीर चोट लगी थी। उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें तुरंत भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। कई तरह के टेस्ट करने के बाद अगले दिन डॉक्टरों को पता चला कि प्रसन्नजीत का ब्रेन डेड हो चुका है। इसके बाद दो बार एपनिया परीक्षण किया गया और यह पुष्टि की गई कि मरीज का मस्तिष्क मृत है।

इसके बाद डॉक्टरों ने अंग दान के लिए अनुरोध किया तो प्रसन्नजीत की पत्नी मृदुमंजरी महापात्र ने तुरंत परिवार के सभी सदस्यों के साथ इस मामले पर चर्चा की और अंततः वे जरूरतमंद रोगियों को प्रत्यारोपण के लिए मोहंती के पांच अंगों को दान करने के लिए सहमत हुए।

प्रसन्नजीत की पत्नी मृदुमंजरी ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि जिन मरीजों को मेरे पति के अंगों के प्रत्यारोपण से नया जीवन मिला है, वे लंबा और स्वस्थ जीवन जिएं।

प्रसन्नजीत के छोटे भाई सत्यजीत ने खुलासा किया है कि उनके भाई ने पहले भी निःस्वार्थ भाव से अपने अंग दान करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा कि जब वह जीवित थे तो वह हमें अंग दान करने की अपनी इच्छा के बारे में बताया करते थे। हम उनकी इच्छा पूरी करके संतुष्ट हैं। हमारे भाई की मृत्यु हो गई, लेकिन उसके अंगों के दान के कारण चार मरीजों को नई जिंदगी मिल गई।

परिवार के सदस्यों से सहमति मिलने के बाद राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ), क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आरओटीटीओ) और राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की मदद से अस्पताल में प्रसन्नजीत के अंग दान की प्रक्रिया शुरू हुई।

प्रसन्नजीत के शरीर से दो किडनी, दो फेफड़े और लीवर को अन्य जरूरतमंद मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित करने के लिए 20 डॉक्टरों की एक टीम ने चार घंटे तक सर्जरी की।

 

कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल तथा सम अल्टिमेट अस्पताल में दो मरीजों के शरीर में क्रमशः दो किडनी प्रत्यारोपित की गईं। प्रसन्नजीत के दोनों फेफड़ों ने कोलकाता के एक 16 वर्षीय मरीज को नया जीवन दिया, जो पिछले डेढ़ महीने से ईसीएमओ सपोर्ट में रह रहा था।

प्रसन्नजीत के लीवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भेजा गया। इसे एक मरीज में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया जो अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा था।

डॉक्टरों के अनुसार, यह ओडिशा में पहला मामला था जिसमें कई अंगों को सफलतापूर्वक निकाला और प्रत्यारोपित किया गया।

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