-
02 करोड़ रुपये हासिल करने के भ्रष्टाचार का राज खुला
-
भारतमाला परियोजना और अमृत सरोवर परियोजनाओं में स्थानीय ठेकेदारों को काम दिलाने में दिखाई थी अनुचित सहानुभूति
-
पत्थर खदानों को लूटने में ठेकेदारों की मदद करने के लिए फर्जी दस्तावेज किए थे पेश
-
न ही कभी ग्राम सभा आयोजित की थी और न ही प्रदूषण बोर्ड से अनुमति ली
इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
विजिलेंस टीम ने ओएएस अधिकारी प्रशांत राउत पर छापे के दौरान जब्त किए गए 3.02 करोड़ रुपये के नोटों की गिनती पूरी कर ली है। नवरंगपुर जिले में उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का राज सामने आ गया है।
यह आरोप लगाया गया है कि भारतमाला और अमृत सरोवर परियोजना से ओएएस अधिकारी राउत की काली कमाई हुई। वह वर्तमान में नवरंगपुर के अतिरिक्त उपजिलाधिकारी के रूप में तैनात हैं। आरोप है कि उन्होंने जिले में भारतमाला परियोजना और अमृत सरोवर परियोजना के तहत स्थानीय ठेकेदारों को काम दिलाने में अनुचित सहानुभूति दिखाई थी।
आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि बुर्जा पंचायत के शीतलाडांगरी, कोपेना और केसरीबेड़ा गांवों में अमृत सरोवर परियोजना के तहत पत्थर खदानों को लूटने में ठेकेदारों की मदद करने के लिए राउत ने फर्जी दस्तावेज पेश किए थे और न ही कभी ग्राम सभा आयोजित की थी और न ही प्रदूषण बोर्ड से अनुमति ली थी।
बुर्जा पंचायत के सरपंच नीलाद्रि माझी ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए कोई ग्राम सभा आयोजित नहीं की गई थी। उपजिलाधिकारी ने कहा कि सरपंच और वार्ड सदस्यों की सहमति का पत्र आवश्यक है। हमने भारतमाला परियोजना अधिकारियों को पत्र दिया।
हालांकि, आरोपों पर राउत से कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी थी। उल्लेखनीय है कि विजिलेंस की टीम ने शुक्रवार को इस अधिकारी के आधिकारिक, आवासीय और अन्य परिसरों पर छापेमारी की थी। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगने से राउत विजिलेंस के घेरे में आ गए हैं।
भुवनेश्वर के कानन विहार में छापेमारी के दौरान प्रशांत राउत के पड़ोसी की छत से छह डिब्बों में छिपाकर रखी गई 3.02 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई। बताया गया है कि छापेमारी से पहले ये रुपये फेंक दिए गए थे।
साल 2018 में राउत को सुंदरगढ़ जिले में बीडीओ रहते हुए एक पंचायत कार्यकारी अधिकारी से 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में सतर्कता अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। अब उन पर कई अवैध पत्थर खनन माफियाओं के साथ साठगांठ करने और उनसे भारी कमीशन लेने का आरोप है।