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अधिकतम 3 लाख रुपये तक का मिलेगा बैंक ऋण
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सामान्य के लिए 30 हजार तथा एसटी-एससी समुदाय के 40 हजार प्रति लाख की सब्सिडी
भुवनेश्वर। राज्य सरकार की मो-घर योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदक को अपने नाम पर घर का रिकॉर्ड भूमि का प्लॉट, आधार कार्ड और एक पहचान पत्र प्रदान करना होगा। ऋण इच्छुक व्यक्ति अपना नाम संबंधित वेबसाइट पर दर्ज करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे सफल पंजीकरण के लिए पोर्टल में सही ढंग से दर्ज करना होगा। मो-घर योजना के तहत ऋण के लिए पात्रता तय की गई है। बताया गया है कि जो परिवार फूस के घर या फूस की छत वाले घर में रह रहा है; यदि परिवार को पहले आवास योजना में सरकार से कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है या 70,000 रुपये से कम की सहायता प्राप्त हुई है; यदि परिवार की मासिक आय 25,000 रुपये से कम है; यदि परिवार के पास व्यक्तिगत उपयोग के लिए चौपहिया वाहन नहीं है; यदि परिवार का कोई सदस्य नियमित सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी या सरकारी उद्यम नहीं रहा है; 5 एकड़ से कम सिंचित भूमि या 15 एकड़ असिंचित भूमि वाले परिवार इस योजना के लिए पात्र होंगे। मो-घर योजना के लाभार्थी अधिकतम 3 लाख रुपये तक का बैंक ऋण प्राप्त कर सकते हैं और दस वर्षों के भीतर ऋण चुका सकते हैं। सामान्य वर्ग के लोगों को 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जबकि एसटी/एससी समुदाय के सदस्यों को 1 लाख रुपये उधार लेने पर 40,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। एक लाभार्थी 1 लाख रुपये, 1.5 लाख रुपये, 2 लाख रुपये और 3 लाख रुपये का ऋण ले सकता है।
ऋण स्वीकृत करने के लिए लाभार्थी से बैंक द्वारा कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। सरकार ऋण आवेदन के लिए कानूनी सलाहकार के 1000 रुपये का शुल्क वहन करेगी। पात्र लाभार्थी जो पहले इस योजना में शामिल नहीं थे, उन्हें शौचालय निर्माण, बिजली आपूर्ति, पेयजल जैसी विभिन्न योजनाओं में शामिल किया जाएगा। योजना के तहत 4 लाख लाभार्थियों के लिए 2 साल के लिए 2,150 करोड़ रुपये का परिव्यय है।
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