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फोनपे और बेनामी चेक से रिश्वतखोरी का खुलासा

  • टीपीसीओडीएल के कर्मचारी को फोनपे से और तहसीलदार को चेक से रिश्वत की रकम लेते विजिलेंस ने दबोचा

भुवनेश्वर। ओडिशा में चौकस विजिलेंस अधिकारियों को मात देने के लिए रिश्वतखोरी का डिजिटल मोड भी रिश्वतखोरों के लिए सफल तरीका साबित नहीं हुआ। विजिलेंस के अधिकारियों ने दो ऐसे मामलों का खुलासा किया है, जिसमें रिश्वत लेने के लिए फोनफे और बेनामी चेक का सहारा लिया गया था।

बताया गया है कि ऑनलाइन के माध्यम से अपनी तरह की पहली रिश्वतखोरी की घटना में ओडिशा सतर्कता अधिकारियों ने कल सोमवार को जीआरएफ, टीपीसीओडीएल, नयापल्ली, भुवनेश्वर के कार्यालय में तरुण रंजन नायक, ओएजी-III को गिरफ्तार किया था। नायक ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से फोनपे के माध्यम से भुगतान करने के लिए 10,000 रुपये की मांग की थी, ताकि जीआरएफ/लोकपाल टीपीसीओडीएल में मामला दर्ज किया जा सके और उसके घर में नए बिजली कनेक्शन के लिए अनुकूल आदेश पारित करने का आश्वासन दिया जा सके। नायक ने शिकायतकर्ता को उसकी सहयोगी के फोनपे खाते में पैसे जमा करने के लिए कहा था।

दूसरी घटना में विजिलेंस ने चेक के जरिए रिश्वत लेने का मामला पकड़ा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, करंजिया में तैनात तहसीलदार चार्ल्स नायक ने एक शिकायतकर्ता से उसके पक्ष में स्वीकृत 51,75,810 रुपये के भूमि अधिग्रहण की राशी को जारी करने के लिए 12 लाख रुपये की मांग की थी।

शिकायतकर्ता को हाल ही में एनएचएआई अधिकारियों द्वारा उसकी भूमि के अधिग्रहण के बदले में 51,75,810 रुपये का मुआवजा दिया गया था। तहसीलदार ने शिकायतकर्ता के मुआवजे के चेक को जारी करने के लिए 10 लाख रुपये और 2 लाख रुपये के दो खाली चेक (प्राप्तकर्ता के नाम के बिना) के रूप में रिश्वत की राशि की मांग की।

सतर्कता विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि शिकायतकर्ता ने नाम का हिस्सा खाली रखते हुए तहसीलदार को 12,00,000 रुपये के दो चेक सौंपे।

बदले में तहसीलदार ने अपने सहयोगी व एक स्थानीय ठेकेदार को चेक सौंप दिया। उसने अंतत: भुगतानकर्ता के रूप में अपने नाम के साथ चेक को एक बैंक में जमा कर दिया।

इसके बाद सतर्कता विभाग ने आज मंगलवार को करंजिया तहसीलदार चार्ल्स नायक को गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता विभाग के अनुसार आरोपी के खिलाफ विजीलेंस सेल थाने में धारा 7/12 भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत मामला (संख्या 5/2023) दर्ज किया गया था। चार्ल्स के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत अच्छी तरह से स्थापित हैं।

आरोपी को विशेष न्यायाधीश, सतर्कता, बारिपदा, मयूरभंज की अदालत में पेश किया गया।

डिजिटल माध्यम से रिश्वत लेने पर चेतावनी

राज्य के सतर्कता विभाग ने सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल माध्यम से रिश्वत लेने पर चेतावनी दी है। विभाग ने कहा कि डिजिटल माध्यम से भी रिश्वत लेकर आप सुरक्षित नहीं हैं। हम ऐसे मामलों में कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटने वाले हैं। हम डिजिटल को ट्रैक करके आप तक पहुंचेंगे।

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