Home / Odisha / 10वां आर्ट ऑफ गिविंग डे पूरे विश्व ने मनाया

10वां आर्ट ऑफ गिविंग डे पूरे विश्व ने मनाया

  • आयोजित समारोह में कुल 6 विभूतियों को ‘आर्ट ऑफ गिविंग हीरो’ सम्मान से किया गया सम्मानित

भुवनेश्वर, 17 मई को दुनिया भर में इंटरनेशनल आर्ट ऑफ गिविंग डे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गौरतलब है कि दुनिया के 6 महाद्वीपों के लगभग 120 देशों के 350 जगहों पर 10वां इंटरनेशनल आर्ट ऑफ गिविंग डे मनाया गया। भारत के 29 राज्यों, 4 केंद्र शासित प्रदेशों और ओडिशा के 30 जिलों सहित 200 शहरों, 10 प्रमुख शहरों, 300 से अधिक ब्लॉकों और 5 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के 10 हजार स्थानों पर यह आर्ट ऑफ गिविंग डे मनाया गया। शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रो अच्युत सामंत द्वारा समाज में एक दूसरे के साथ मदद, सहयोग, शांति, मित्रता और भाईचारा साझा करने के लिए 17 मई, 2013 को शुरू की गई ‘आर्ट ऑफ गिविंग’ पहल अब पूरी दुनिया में फैल गई है।
प्रत्येक वर्ष एक अलग थीम पर आधारित, इस वर्ष की आर्ट ऑफ़ गिविंग थीम थी, ‘हेल्पिंग द हेल्प’। इस अवसर पर बुधवार को भुवनेश्वर में एक विशेष कार्यक्रम में ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों में समाज की सेवा करने वाले 6 लोगों को ‘आर्ट ऑफ गिविंग हीरो’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
1 रूपये वाले डाकुर के नाम से ख्याति प्राप्त करने वाले संबलपुर के डॉक्टर शंकर रामचंदानी, जाजपुर जिले की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रंजीता रथ, कंधमाल जिले की आकांक्षी शिलावती प्रधान, क्योंझर जिले के एम्बुलेंस चालक अमरनाथ मोहंती, आयुक्तालय पुलिस के ट्रैफिक कांस्टेबल फिरोज मुहम्मद और महिला बचाव समिति के संपादक आभारानी चौधरी को आर्ट ऑफ गिविंग हीरो के रूप में सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आर. बालाकृष्णन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया जबकि राज्य उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बिष्णुपद सेठी और भुवनेश्वर यूनिट- II श्रीराम मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष बाबा राम नारायण दास ने सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया।
आर्ट ऑफ गिविंग के संस्थापक अच्युत सामंत ने स्वागत भाषण देने के साथ आर्ट ऑफ गिविंग के उद्देश्य पर बात की। इस अवसर पर आर्ट ऑफ गिविंग पुस्तिका और आर्ट ऑफ गिविंग के 6 महीने वाला कोर्स बुकलेट का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री बालकृष्णन ने कहा कि आर्ट ऑफ गिविंग हार्ट ऑफ गिविंग है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने प्रो सामंत के ऐसे प्रयासों की सराहना की। श्री सेठी ने कहा कि देने की कला से दूसरों को खुशी मिलती है और खुद में सच्ची खुशी मिलती है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि सामंत जी के प्रयास एक आंदोलन में बदल गए हैं। इस मौके पर बाबा राम नारायण दास ने कहा कि हमारे द्वारा किए गए सभी धार्मिक कर्म हमें जीवन में शांति प्रदान करते हैं। अवसर पर आर्ट ऑफ गिविंग पत्रिका का भी विमोचन हुआ।

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *