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जनता कर्फ्यू को ओडिशा में लोगों का सम्पूर्ण समर्थन मिला

  • राजधानी भुवनेश्वर समेत समस्त 30 जिलों में दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे

  • सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा

  • 50 लाख आटो चालक व टैक्सी चालक ने किया समर्थन

  • राज्य की 14 हजार बसें भी नहीं चलीं

  • हवाई अड्डा, बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर फंसे रहे यात्री

भुवनेश्वर. कोरोना से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलायी गयी जनता कर्फ्यू को ओडिशा में भारी सफलता मिली. इस कर्फ्यू को लोगों का भरपूर समर्थन मिला और लोग बाहर नहीं निकले. सुबह सात बजे से ही राजधानी भुवनेश्वर समेत समस्त 30 जिलों में इस जनता कर्फ्यू को अभूतपूर्व समर्थन मिलता दिखा. दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे. लोग भी बाहर नहीं निकले. सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप्प रही. जो कुछ गिने-चुने लोग वाहनों से बाहर निकले थे, पुलिसकर्मियों ने उनसे बाहर निकलने का कारण पूछा और उसके हिसाब से जाने दिया. सुबह सात बजे के बाद कई इलाकों में दूध तक लेने लोग नहीं निकले. रोजमर्रा की सब्जी की दुकानें भी आज बंद रहीं. कर्फ्यू को ध्यान में रखते हुए लोगों ने पहले ही अत्यावश्यक चीजों की खरीदारी कर ली थी.

राजधानी भुवनेश्वर में आटो व टैक्सी सड़कों पर नहीं उतरी. इस संबंध में निखिल ओडिशा आटो चालक महासंघ व निखिल ओडिशा कार व टैक्सी चालक महासंघ ने पहले से ही निर्णय लिया था कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर बुलायी गयी इस कर्फ्यू को समर्थन करते हुए वाहन नहीं उतारेंगे. इस कारण राज्य में कुल एक लाख 50 हजार आटो चालक व टैक्सी चालकों ने सड़कों पर वाहन को नहीं उतारा. इसी तरह निजी और सरकारी बसें भी नहीं चलीं.

भुवनेश्वर के प्रमुख बस अड्डा बरमुंडा में बसें खडी रहीं. इस कारण कुछ यात्री फंसे रहे. उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसी तरह रेलवे स्टेशन पर भी लोग फंसे रहे. राज्य की 14 हजार निजी बसें सड़कों पर नहीं उतरी. राज्य की सरकारी बसें भी सड़क पर नहीं दौड़ी. हालांकि राज्य में सरकारी बसों की संख्या निजी बसों की तुलना में काफी कम है. बस मालिक संघ ने शनिवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रधानमंत्री के आह्वान को ध्यान में रखकर बसें नहीं चलायी जाएंगी. साथ ही राज्य सरकार ने भी कहा था कि बसों को रविवार सुबह पांच बजे से पहले ही अपने गंतव्यस्थानों पर पहुंचा दें. सात बजे के बाद बसें नहीं चलेंगी. इस निर्देश के अनुसार बसें सड़कों पर नदारद रहीं.

भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर भी लोग फंसे रहे. जनता कर्फ्यू से जरुरी स्वास्थ्य सेवा को अलग रखा गया था. डाक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, म्यूनिसिपालिटी कर्मचारी, हवाई अड्डे कर्मचारी काम पर थे. इसके अलावा पुलिस, रेलवे व मीडियाकर्मियों पर पाबंदी नहीं थी.

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