-
पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक दिखेगा प्रभाव
भुवनेश्वर। मई महीने के दूसरे सप्ताह में एक बार फिर भीषण चक्रवात आने की संभावना है। इसका नाम मोचा होगा तथा इसका प्रभाव पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक देखने को मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञानियों ने यह संभावना जतायी है, जबकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अभी तक इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
बताया जाता है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर 6 मई के बाद एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके साथ ही यह एक भीषण चक्रवात में तब्दील हो सकता है। निम्न दवाब के क्षेत्र के बदलाव पर मौसम वैज्ञानिक नजर बनाए हुए हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि 6 मई, 2023 के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है। इसके प्रभाव में बाद के 48 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। हालांकि, आईएमडी ने अभी तक यह अनुमान नहीं लगाया है कि निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान बनेगा या नहीं। लेकिन दूसरी ओर, अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञानी जेसन निकोल्स ने भविष्यवाणी की है कि यह सिस्टम एक चक्रवात में बदल सकता है और पूर्वी भारत और म्यांमार के बीच के क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद सिस्टम के पथ और तीव्रता के बारे में सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।
इस बीच, अमेरिकी मौसम पूर्वानुमान मॉडल ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) और यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ईसीएमडब्ल्यूएफ) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान के गठन की भविष्यवाणी की है।
बताया जाता है कि यदि निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप धारण करता है, तो इसे मोचा कहा जाएगा। विंडी के मौसम पूर्वानुमान मॉडल ने कहा कि चक्रवात मोचा के 11 मई तक बनने की संभावना है। जेसन निकोल्स ने भी मई के दूसरे हफ्ते में तूफान आने की आशंका जताई है। इस सप्ताह के अंत तक या अगले सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। जेसन निकोल्स ने खुलासा किया है कि कम दबाव के चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल संभावना है।