
भुवनेश्वर। सिमिलिपाल अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र में एक दुर्लभ रॉयल बंगाल टाइगर मृत पाया गया है। यह जानकारी सोमवार को पीसीसीएफ सुशील कुमार पोपली ने दी। उन्होंने कहा कि रॉयल बंगाल टाइगर की मौत के सही कारण का तुरंत पता नहीं चल पाया है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इसकी की मौत संदिग्ध अंदरूनी लड़ाई के कारण हुई होगी।
रॉयल बंगाल टाइगर की उम्र लगभग 3-3.5 साल थी। सबूत इकट्ठा करने और रॉयल बंगाल टाइगर की मौत के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए एक संयुक्त टास्क फोर्स ने इलाके का दौरा किया।
पीसीसीएफ ने कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधि भी वहां पहुंच गए हैं। एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार, एक बाघ की मौत की सूचना एनटीसीए को दी जानी चाहिए, भले ही मौत प्राकृतिक कारणों से हो या अवैध शिकार जैसे अन्य कारणों से। सबूतों के आधार पर हम प्रोटोकॉल के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि
प्रथम दृष्टया, यह दो नर बाघों के बीच आपसी लड़ाई का परिणाम प्रतीत होता है। बाघ आमतौर पर इधर-उधर घूमते हैं और अपना क्षेत्र तय करते हैं। इसलिए हमें संदेह है कि दो नर बाघ अपने क्षेत्र को लेकर आपस में लड़े और उनमें से एक की मृत्यु हो गई। प्राथमिक जांच में बाघ के शव पर चोट के निशान की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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