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कहा- राज्य में विकास व योग्यता को देखकर मतदान करते हैं मतदाता
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सदभाव और सदभावना बनाए रखने में सभी लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
देश में जहां जातिगत राजनीति हावी है, वहीं ओडिशा की राजनीति इससे उपर ऊठ चुकी है। राज्य के मतदाता काफी जागरुक हैं तथा वे राज्य में विकास और प्रतिनिधियों की योग्यता और काबिलियत देखकर मतदान करते हैं। ओडिशा के मतदाताओं ने यहां की राजनीति को जातिगत भावना से ऊपर पहुंचा दी है। ये बातें बीजद के पूर्व सांसद तथा वरिष्ठ पत्रकार तथागत सतपथी ने कहीं। वह राजधानी स्थित तेरापंथ भवन में परशुराम मित्रमंडल, भुवनेश्वर की ओर से आयोजित बंधुमिलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने राज्य में कायम शांति और सदभाव के लिए सभी समुदाय और जाति के लोगों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आभार जताया। समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सतपथी ने कहा कि राज्य में रहने वाला हर व्यक्ति इस माटी का हिस्सा है और उसके सुख-दुख और प्रगति सबके साथ जुड़ी है।
गैर ओड़ियाभाषी लोगों को संबोधित करते हुए ब्राह्मण परिवार में जन्मे पूर्व सांसद ने कहा कि संसद भवन में अन्य प्रतिनिधिन उनसे पूछते थे कि ओडिशा में ब्राह्मणों की संख्या कितनी है। जब मैं उन्हें बताया था कि ओडिशा में ब्राह्मणों की आबादी लगभग 2.7 फीसदी है, तो वे आश्चर्यचकित होते थे कि इतनी कम जनसंख्या होने के बावजूद एक ब्राह्मण कैसे सांसद चुनकर यहां आता है, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि ओडिशा के लोग मतदान के समय जाति और समुदाय को नहीं देखते हैं। उन्होंने आभार जताया कि ओडिशा के लोग शांति और सदभावना को कायम रखते हुए काबिलियत और राज्य में विकास को देखकर मतदान करते हैं। सतपथी ने कहा कि देश अन्य राज्यों में ऐसा कहीं नहीं देखने को मिलता है। हर राज्य में जातिगत राजनीति हावी है, लेकिन ओडिशा के मतदाताओं ने एक मिसाल कायम किया है।
ब्राह्मण आर्थिक तौर पर कमजोर हैं, बौधिक तौर पर नहीं
राजधानी स्थित तेरापंथ भवन में परशुराम मित्रमंडल, भुवनेश्वर की ओर से रविवार को आयोजित बंधुमिलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और बीजद के पूर्व सांसद तथागत सतपथी ने देश में ब्राह्मणों की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि ब्राह्मण आर्थिक तौर पर कमजोर हुए हैं, लेकिन बौधिक तक पर नहीं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने सदैव राजसत्ता का मार्गदर्शन किया है और उन्हें ऐसा करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड से ही ब्राह्मणों की उत्पति हुई है। इसलिए ब्राह्मण यानि ज्ञान से ब्राह्णमों का काफी करीबी नाता है और इसलिए अपने ज्ञान का लाभ दूसरों को देते रहना चाहिए।
सतपथी ने अपने संबोधन में मित्रमण्डल, भुवनेश्वर के नि: स्वार्थ समाजसेवा, लोकसेवा और भुवनेश्वर जनपद के लोगों की सेवाओं के लिए सराहना की और ब्राह्मण के हरप्रकार से मार्गदर्शन हेतु सराहना की।
कई युवा प्रतिभाएं व विभुतियां सम्मानित
इस मौके पर मुख्य अतिथि ने मित्र मण्डल भुवनेश्वर के बाल प्रतिभा, बालिका प्रतिभा और गृहिणी प्रतिभाओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया। इस मौके पर मित्रमण्डल के अध्यक्ष आनंद पुरोहित, सचिव किशन खण्डेलवाल, संरक्षक जगदीश मिश्र तथा उपाध्यक्ष गजानंद शर्मा आदि मंचासीन थे। अध्यक्ष आनंद पुरोहित ने सभी का स्वागत किया और सचिव किशन खण्डेलवाल ने मित्रमण्डल की समस्त असाधारण उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर उत्कल बिल्डर्स के चेयरमैन सुभाष चन्द्र भुरा की माता जी श्रीमती कमला भुरा को उनके प्रेरणा दायक सात्विक जीवन हेतु मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया गया। इसके साथ ही मारवाड़ी सोसाइटी भुवनेश्वर के अध्यक्ष संजय लाठ समेत स्थानीय मारवाड़ी समाज के सभी घटक संगठनों के आगत सभी का स्वागत दुपट्टा भेंटकर किया गया।
उल्लेखनीय पत्रकारिता के लिए चार पत्रकार सम्मानित
ओडिशा में उल्लेखनीय पत्रकारिता के लिए परशुराम मित्रमंडल, भुवनेश्वर ने धरित्री के संपादक तथागत सतपथी, नवभारत, इण्डो एशियन टाइम्स और इण्डो कलिंग टाइम्स के संपादक हेमन्त कुमार तिवारी और दैनिक जागरण के ओडिशा में ब्यूरो चीफ शेषनाथ राय तथा वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य अशोक पाण्डेय को सम्मानित किया।