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देश में लागू होगी एक शिक्षा बोर्ड की नीति

  • सीबीएसई, आईसीएसई समेत 62 मौजूदा बोर्डों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी

  • एनसीआरटी के तहत बनी परख संस्था निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका

  • कामन एसेसमेंट सिस्टम को भी लागू करने की तैयारी

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
कौशल आधारित शिक्षा व्यवस्था को जमीन पर उतारने के लिए देश में एक शिक्षा बोर्ड की नीति लागू होगी। इसके लिए देश में सीबीएसई, आईसीएसई समेत मौजूदा सभी 62 बोर्डों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी चल रही है। इस बात का संकेत आज ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में भारत सरकार के साक्षरता व स्कूल एजुकेशन के सचिव संजय कुमार ने दिया। पत्रकारों ने सवाल किया था कि देश में कौशल आधारित शिक्षा व्यवस्था को लागू करने में बिखरे बोर्डों को सरकार की क्या योजना है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में सीबीएसई, आईसीएसई समेत 62 बोर्ड मौजूद हैं। इसलिए एनसीआरटी के तहत परख संस्था तैयार की गई है। यह संस्था सभी बोर्डों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से या राज्य स्तर पर शिक्षा व्यवस्थाओं और उसके क्रियान्वयन को लेकर अध्ययन करेगी तथा सभी को एक प्लेटफार्म पर लाकर कामन एसेसमेंट व्यवस्था को सुनिश्चित कराएगी। हालांकि अभी तक सभी बोर्ड अपने अपने अनुसार एसेसमेंट की व्यवस्था को अपनाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में केन्द्रीय शिक्षा नीति की को लागू करने में दिक्कतें ना आएं इसलिए एक कामन एसेसमेंट की व्यवस्था को क्रियान्वित करने में परख प्रयास करेगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार नई शिक्षा नीति के तहत कौशल को कक्षा 6 से ही जोड़ने जा रही है। इसके तहत बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ अनुभव आधारित शिक्षा भी प्रदान किया जाएगा। ताकि बच्चों का कौशल विकास किया जा सके। उल्लेखनीय है कि राजधानी भुवनेश्वर में जी-20 के तहत आयोजित तीसरे शिक्षा कार्य समूह की बैठक एवं सेमीनार के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए संजय कुमार के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के.संजय मूर्ति तथा स्किल विभाग के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने बैठक के महत्वपूर्ण विंदुओं पर प्रकाश डाला।

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