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कहा, ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा का विकास और स्थानीय इलाकों का विकास बहुत जरूरी
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
छत्तीसगढ़ में हाल ही में नक्सली हमले के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश में नक्सली समस्या का समाधान केवल शिक्षा और स्थानीय विकास के माध्यम से ही हो सकता है। हेमन्त सोरेन शुक्रवार को यहां कीस विश्व विद्यालय परिसर में लगभग 30 हजार से अधिक आदिवासी बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में नक्सली सक्रिय हैं और ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा का विकास और स्थानीय इलाकों का विकास बहुत जरूरी है। बच्चों का हौसला आफजाई करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि कीस के इन 30 हजार बच्चों में से कोई डाक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, आइएएस, आइपीएस, पत्रकार आदि पेशाओं से जुड़कर क्षेत्रों का विकास करेंगे और अपनी सेवाओं का लाभ देते हुए देश को एक नई दिशा में ले जाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र वास्तव में काफी पिछड़े हुए है। जिसकी वजह से नक्सलवाद का जन्म हुआ। अपने कार्यकाल की शुरूआती परिस्थितियों का जिक्र करते हुए हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्ष 2019 में जैसे ही हमने राज्य का प्रतिनिधित्व संभाला वैसे ही पूरी दुनिया एक महामारी की चपेट में आ गई। इससे आज कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं रहा। इन कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए हमारी सीखने की ललक और कुछ करने का जज्बा आज यहां कीस का अध्ययन करने को लाया है। ताकि झारखंड में शिक्षा के विकास को लेकर हम और अधिक कर सकें।
उन्होंने अपनी सरकार की शिक्षा नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश का पहला इकलौता राज्य झारखंड हैं जहां किसी भी बच्चे को पढ़ाई के मामले में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। हमने हर पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्कालरशिप की व्यवस्था की है। इसका लाभ उठाते हुए आज काफी बच्चे विदेशों में ना सिर्फ पढ़ रहे हैं अपितु उन्होंने वहीं पर रोजगार भी हासिल कर लिया है। यह सफलता राज्य सरकार की नीति को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इस अवसर पर उन्होंने कीस के संस्थापक व सांसद डा. अच्युत सामन्त के उन प्रयासों की सराहना की जिसकी बदौलत जंगलों में रहने वाले हजारों की संख्या में आदिवासी बच्चे अपने भविष्य को संवार रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कीस को धन्यवाद दिया कि इसके प्रयास ना सिर्फ ओडिशा तक सीमित है अपितु पड़ोसी राज्य झारखंड भी लाभान्वित हो रहा है और हमें गर्व महसूस हो रहा है कि झारखण्ड के लगभग 4000 से अधिक आदिवासी बच्चे निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस मौके पर मंच पर डा. अच्युत सामन्त के साथ साथ झारखण्ड की द्वितीय महिला कल्पना मुर्मु सोरेन, झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, वरिष्ठ अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव, कीस के वाइस चांसलर दीपक कुमार बेहेरा, कीस के रजिस्ट्रार प्रशांत कुमार राउतराय प्रमुख उपस्थित थे।