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नियम का उल्लंघन करने वालों को करना पड़ सकता है भारी दंड का सामना
भुवनेश्वर। ओडिशा में सभी साइनबोर्ड ओड़िया भाषा में रखना अब सख्त रूप से अनिवार्य कर दिया गया है। अब इसका क्रियान्वयन भी सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार ने सभी नगर पालिकाओं के श्रम अधिकारियों और कार्यकारी अधिकारियों को ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। यह अधिनियम व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए साइनबोर्ड और डिस्प्ले बोर्ड को ओड़िया भाषा में लिखा होना अनिवार्य बनाता है। बताया जाता है कि गुरुवार को भुवनेश्वर में ओड़िया भाषा साहित्य और संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह कदम उठाया गया है। बैठक में श्रम एवं कर्मचारी राज्य बीमा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव संथागोपालन आर और जिला श्रम अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के दौरान यह पता चला कि राज्य में 52,000 पंजीकृत दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में से लगभग 47,000 ने ओड़िया में साइनबोर्ड और डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं। गुरुवार की बैठक के बाद राज्य सरकार ने ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया है।
उल्लंघन पर पहले मिलेगी नोटिस
बताया गया है कि सबसे पहले राज्य सरकार उन दुकानदारों को नोटिस देगी, जिन्होंने ओड़िया में साइनबोर्ड नहीं लगाए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अगर वे नोटिस जारी होने के सात दिनों के भीतर ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाएगा।
5,000 से 25,000 रुपये का जुर्माना
ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम का पहली बार उल्लंघन करने वालों को 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और दूसरी बार उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माना राशि 25,000 रुपये होगी। दूसरी नोटिस के बाद भी उपकृत नहीं करने पर राज्य सरकार दुकान मालिकों के लाइसेंस भी रद्द कर सकती है।
मंत्रिमंडल ने 14 मार्च, 2018 को दी थी मंजूरी
उल्लेखनीय है कि ओडिशा मंत्रिमंडल ने 14 मार्च, 2018 को ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1956 में एक संशोधन को मंजूरी दी थी, जिससे राज्य में सभी दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए ओड़िया भाषा में साइनबोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य हो गया था। संशोधन के अनुसार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को किसी भी भाषा में साइनबोर्ड पर अपना नाम लिखने की अनुमति है, लेकिन ओड़िया भाषा प्रमुख होनी चाहिए। यदि नाम ओड़िया में प्रदर्शित नहीं होते हैं, तो इसे अपराध माना जाएगा।