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विधानसभा में उठा जाली प्रमाण पत्र रैकेट का मामला

  •  कांग्रेस ने की दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग

  • सालूजा ने लगाया बीजद नेता के जुड़े होने के आरोप

बलांगीर जिले में सक्रिय जाली सर्टिफिकेट रैकेट का मामला आज विधानसभा में उठा। जाली प्रमाणपत्र रैकेट में कथित बीजद नेताओं के शामिल होने के कारण राज्य सरकार को कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सालूजा ने कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।

शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए सालूजा ने कहा कि राज्य सरकार मेधावी छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल रही है। बलांगीर में एक जाली सर्टिफिकेट रैकेट पकड़ा गया है। इसमें बीजद आईटी सेल के प्रमुख पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग बरसों से यह काम कर रहे थे। इन्हीं जाली प्रमाण पत्रों के जरिए अनेक लड़के सरकारी व गैरसरकारी नौकरी कर रहे हैं। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की।

खबरों के अनुसार, फूलबाणी जिले के विभिन्न शाखा डाकघरों में शाखा पोस्टमास्टर (बीएमपी) और सहायक शाखा पोस्टमास्टर (एबीपीएम) के पदों पर भर्ती के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिकुलेशन थी। सभी नियुक्ति प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की गई थी। हालांकि, शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के दौरान पाया गया कि छह उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं। जबकि उन उम्मीदवारों में से पांच ने इलाहाबाद बोर्ड से नकली प्रमाण पत्र जमा किया है, दूसरे ने राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से नकली प्रमाण पत्र जमा किया है। उधर, शिकायत के आधार पर फूलबनी पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है।

छह उम्मीदवारों को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा करने का पता चला

ऐसा लगता है कि फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट ने फूलबाणी सहित ओडिशा के विभिन्न जिलों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। जिले में 85 शाखा डाकघरों के लिए डाक विभाग में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छह उम्मीदवारों को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा करने का पता चला था। फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने वाले छह अभ्यर्थियों के खिलाफ बलांगीर डाक विभाग के अधीक्षक ने फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद थाने में तहरीर दी है।

चार उम्मीदवारों को मिल चुकी है पोस्टमास्टर की नौकरी

एक और चौंकाने वाले घटनाक्रम में यह खुलासा हुआ है कि फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा कर चार उम्मीदवारों को पहले ही पोस्टमास्टर की नौकरी मिल चुकी है। हालांकि रैकेट के मास्टरमाइंड मनोज मिश्र की गिरफ्तारी के बाद से ये उम्मीदवार फरार चल रहे हैं।

मास्टरमाइंड सहित 21 हो चुके हैं गिरफ्तार

पुलिस ने रैकेट के मास्टरमाइंड सहित 21 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, जो 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये के बीच ऐसी नकली मार्कशीट बेच रहे थे। बलांगीर पुलिस ने कल बताया कि फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट के सिलसिले में अब तक एक निजी कोचिंग सेंटर, रिलायंस एजुकेशन इंस्टीट्यूट के मालिक मिश्र सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बैंक खाते को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू

बलांगीर जिले में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र रैकेट के मास्टरमाइंड मनोज मिश्र पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने उसके बैंक खाते को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

41 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के नाम पर 1000 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र मिले

छापे के दौरान पुलिस को 41 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के नाम पर 1000 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र मिले। नकली प्रमाणपत्र, सत्यापन रिपोर्ट, मुहरें, डायरी और रबर स्टांप, मोबाइल फोन, बैंक खाते और जमीन के दस्तावेज जब्त किए गए। इसके अलावा छापेमारी दल ने मिश्रा के कब्जे से 3.67 लाख रुपये नकद भी बरामद किया है।

इसके साथ ही यह संदेह है कि ओडिशा और अन्य राज्यों में विश्वविद्यालयों के कुछ कर्मचारी थे जो इस अवैध माध्यम से अर्जित धन में कटौती कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश जाएगी पुलिस की टीम

जांच के लिए पुलिस ने विशेष टीमों का गठन किया है जो अन्य राज्यों का पता लगाने और अन्य संलिप्त व्यक्तियों को पकड़ने के लिए जाएंगी। उत्तर प्रदेश सूची में सबसे ऊपर है।

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