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वाहन की कमी की के कारण जनजीवन प्रभावित
भुवनेश्वर। 10 सूत्री मांगों को लेकर ओडिशा चालक एकता महामंच की आहूत अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर सड़कों पर आज सुबह से ही दिखा। वाहनों की कमी के कारण जनजीवन प्रभावित हुई है। अपनी 10 सूत्री मांगों को मनवाने के लिए ओडिशा में करीब पांच लाख चालक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। इसकी घोषणा मंगलवार को ओडिशा चालक एकता महामंच ने की थी, जबकि 20 से ज्यादा चालक संघों ने भी हड़ताल से दूर रहने का फैसला किया है।
राज्यभर में लाखों चालकों के आंदोलन में शामिल होने के कारण यातायात सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सड़कों पर वाहन की कमी देखने को मिली है।
10 सूत्री मांगें हैं
चालकों की 10 सूत्री मांगों में सामाजिक सुरक्षा, 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन, ड्राइवरों के लिए बीमा कवर, मृत्यु लाभ, दुर्घटना के बाद मुआवजा आदि शामिल हैं।
केवल आपातकालीन वाहनों को अनुमति
आंदोलनकारी चालकों ने आंदोलन के दौरान केवल आपातकालीन वाहनों को सार्वजनिक सड़कों पर चलने की अनुमति की घोषणा की है। कोई व्यावसायिक वाहन या पीली नंबर प्लेट वाले सभी वाहनों को रोका दिया जा रहा था।
निजी बसें और ऑटोरिक्शा नदारद
अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण अधिकांश निजी बसें और ऑटोरिक्शा आज सड़कों से नदारद रहे। इससे मैट्रिक परीक्षार्थियों और काम पर आने-जाने वाले लोगों को परेशानी हुई।
ट्रकों की आवाजाही पर कोई असर नहीं
आंदोलनकारी चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रकों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ा है।
आंदोलनकारियों ने किया प्रदर्शन
अपनी मांगों के समर्थन में तथा हड़ताल को सफल बनाने के लिए आंदोलनकारी आज सुबह से ही राजधानी भुवनेश्वर में विभिन्न जगहों पर सड़कों पर उतर गए। राजधानी भुवनेश्वर के तमांडो, कटक के गोपालपुर चौक, बालेश्वर के सोरो, संबलपुर के ऐंथापल्ली समेत राज्य के कई अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किया। सुबह-सुबह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। राज्य में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी।
वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री के अनुरोध नहीं माने
राज्य सरकार ने आंदोलनकारी ड्राइवरों से अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है, क्योंकि उनकी मांगों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री तुकुनी साहू ने कल महामंच के सदस्यों के साथ बैठक की और उनसे राज्य में मैट्रिक, प्लस टू और पॉलिटेक्निक परीक्षाओं के मद्देनजर हड़ताल खत्म करने का अनुरोध किया। हालांकि, महामंच के सदस्य बैठक के नतीजे से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला किया।
सुरक्षा को लेकर पुलिस तैनात
आंदोलन में शामिल नहीं होने वाले चालकों की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। हड़ताल की स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कल शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की थी। इस दौरान सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वे अन्य परिवहन संघों को आवश्यक सहायता प्रदान करें, जो हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे हैं और अपनी सेवाएं संचालित करने के इच्छुक हैं।