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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेकार सामग्री से कई घरेलू सामान बनाने के प्रयासों की सराहना की
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दूध के पाउच और अन्य प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके बनाती हैं चीजें
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में ओडिशा के केंद्रापड़ा जिले की गुलनगर पंचायत की कमला महाराणा का जिक्र किया तथा उनके द्वारा बेकार सामग्री से कई घरेलू सामान बनाने के प्रयासों की सराहना की। वह एक स्वयं सहायता समूह का नेतृत्व करती हैं, जो दूध के पाउच और अन्य प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके चीजें बनाती हैं।
ऑल इंडिया रेडियो पर अपने मन की बात के 98वें संस्करण में स्वच्छ भारत अभियान पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि वेस्ट टू वेल्थ भी अभियान का एक महत्वपूर्ण आयाम है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा के केंद्रापड़ा जिले की एक बहन कमला महाराणा एक स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। इस समूह की महिलाएं दूध की थैली और दूसरी प्लास्टिक पैकिंग से टोकरी और मोबाइल स्टैंड जैसी कई चीजें बनाती हैं। ये इनके लिए स्वच्छता के साथ ही आमदनी का भी एक अच्छा जरिया बन रहा है। हम अगर ठान लें तो स्वच्छ भारत में अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। कम-से-कम प्लास्टिक के बैग की जगह कपड़े के बैग का संकल्प तो हम सबको ही लेना चाहिए। आप देखेंगे, आपका ये संकल्प आपको कितना सन्तोष देगा, और दूसरे लोगों को जरूर प्रेरित करेगा।
इधर, कमला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री ने उनके काम की सराहना की है। अपनी खुशी जाहिर करते हुए कमला ने कहा कि आज मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मेरे काम की तारीफ करेंगे। मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने स्वच्छ भारत अभियान को अपने पेशे में शामिल किया है। आज कई लोग मेरे पास बधाई देने आए। मैं बहुत खुश हूं। मोदी ने हरियाणा के एक युवा समूह की भी प्रशंसा की जिसने चंडीगढ़ में कई टन कचरा साफ किया है। उन्होंने कहा कि अगर हम हाथ मिलाते हैं, तो हम अकल्पनीय हासिल कर सकते हैं और भारत को कचरे से मुक्त बना सकते हैं।
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