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विधानसभा में हंगामे के बीच नवीन पटनायक ने दिया बयान
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कहा-संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण
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जांच में एफबीआई की सहायता लेने के लिए क्राइम ब्रांच कर रही है प्रयास
भुवनेश्वर। ओडिशा के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की हत्याकांड में विपक्ष के लगातार हमले के बीच आज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विधानसभा में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार इस मामले पर बयान दिया। लगातार हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दुबारा 11.30 बजे शुरू होने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नव किशोर दास हत्याकांड की जांच को लेकर सदन में बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में सही जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस हत्या मामले में जांच के लिए अमेरिकी संस्था एफबीआई से भी सहयोग के लिए अनुरोध किया गया है। एफबीआई के विहेवरियल सपोर्ट यूनिट द्वारा आरोपित गोपाल दास का मूल्यांकन के लिए अनुरोध किया गया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि नव किशोर दास की हत्या के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का कार्य क्राइम ब्रांच को दिया गया था। जांच में पारदर्शिता के लिए हाईकोर्ट से एक जज को मानिटरिंग के लिए देने के लिए अनुरोध किया गया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच की मानिटरिंग के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस जेपी दास को मनोनीत करने के बाद उनकी निगरानी में कार्य चल रहा है।
इस मामले में फारेनसिक विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है। राज्य फारेंसिक साइंस लैबरोटारी, नई दिल्ली स्थित फारेंसिक लबोरेटरी, गांधीनगर स्थित राज्य फारेंसिक साइंस लैबोरेटरी की सहायता ली जा रही है।
उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान आरोपित से पूछताछ के आधार पर गोपाल दास की मानसिक स्थिति को देखने के लिए चार सदस्यीय मानसिक रोग विशेषज्ञों के बोर्ड का गठन किया गया है। अधिक जानकारी हासिल करने के लिए नार्को टेस्ट गांधीनगर में किया गया है।
अपराधी के व्यवहार का विश्लेषण करने के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले अमेरिका की एजेंसी एफबीआई की सहायता लेने के लिए राज्य क्राइम ब्रांच प्रयास कर रही है।
इस मामले को जिस ढंग से राजनीतिक विमर्श खड़ा किया जा रहा है, वह चिंता का विषय है। आरोपित पुलिसकर्मी को तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया गया है, लेकिन इसके बावजूद राज्य के कुछ नेता विशेष कर भाजपा के कुछ नेता जिस ढंग से राज्य पुलिस पर अरुचिकर बयान दे रहे हैं, वह चिंता व्यक्त करने वाला है। इससे राज्य पुलिस के मनोबल पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। पूरे पुलिस बल को अपराधी बताया जा रहा है। इसे राज्य की जनता कभी माफ नहीं करेगी।