भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कल शाम आदिवासी मेला एवं संस्कृति उत्सव-2023 का उद्घाटन किया। उद्घाटन अवसर पर कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने आदिवासी मेले के कला एवं शिल्प क्षेत्र का अवलोक किया। इस वर्ष आदिवासी मेला 1 मार्च तक दस दिनों तक चलेगा।
इस वर्ष आदिवासी मेले का मुख्य आकर्षण कुल 121 स्टॉल हैं, जो प्रामाणिक उत्पादों को बेचेंगे और प्रदर्शित करेंगे। दस पीवीटीजी घरों का निर्माण किया गया है। ये आगंतुकों को राज्य के दूरदराज के हिस्सों के जनजातीय वातावरण का आनंद लेने में मदद करेंगे। इन घरों में छप्पर और खपरैल की छतें हैं जबकि दीवारों को झोटी से रंगा गया है।
घर के प्रांगण में केलों के गुच्छों वाले केले के पौधे और छतों से बड़े-बड़े कद्दू के लटकने के दृश्य ने आकर्षण और बढ़ा दिया है। घर के मॉडल में परंपरा और विकास झलक रहा है।
प्रदर्शनी के दौरान हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम और आदिवासी नृत्य होगा। गौरतलब है कि हर साल 8 से 10 लाख आगंतुक आदिवासी मेले में आते हैं और 5 से 6 करोड़ का कारोबार होता है। भुवनेश्वर और इसके आस-पास के क्षेत्रों और पड़ोसी राज्यों के लोग भी मेले में आते हैं। वे एक वर्ष के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री और वन उत्पाद जैसे हल्दी, बाजरा, मोंग, उड़द, मक्का, बासमती चावल, शहद, झाड़ू की छड़ी, पलुआ आदि खरीदते हैं।
आदिवासी मेले में पुलिस और सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। मेला परिसर में क्लोज सीसीटीवी लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम और मेन कंट्रोल रूम से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता संदेश प्रदर्शित किया गया है।