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श्रीमंदिर में कोरोना से मुकाबले को लेकर छतिशा नियोग व प्रशासन की बैठक
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श्रीजगन्नाथ जी के दर्शन करने वालों को देनी होगी विस्तृत जानकारी
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मंदिर के बाहर बनेगा हेल्प डेस्क
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देवी-देवताओं को छूना मना
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मंदिर परिसर में संकीर्तन बंद
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सेवायत भी लगाएंगे मास्क
पुरी. कोरोना संक्रमण के भय के कारण पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में दर्शन को लेकर प्रशासन द्वारा कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किये गये हैं. इसमें श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने से पूर्व एक फार्म भरकर अपने बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी. इसके बिना मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. श्रीमंदिर में छतीसा नियोग की बैठक में उपरोक्त निर्णय़ समेत अन्य कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किये गये हैं. इस बैठक में पुरी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार, पुरी के जिलाधिकारी समेत सेवायत व अन्य लोग मौजूद थे. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुरी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासन किशन कुमार ने बताया कि यदि किसी को पुरी में आकर श्रीजगन्नाथजी का दर्शन करना है और वे उसे टाल सकते हैं, तो निश्चित रुप से टालें और स्थिति सामान्य होने के बाद ही दर्शन करने के लिए पुरी आयें, लेकिन यदि वे इसे नहीं टाल सकते व आस्था के अनुसार दर्शन करना जरुरी है तो ऐसे भक्तों के लिए प्रशासन ने कुछ गाइडलाइन तैयार की है. उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर में प्रवेश करने से पूर्व श्रद्धालुओं को एक स्वयं द्वारा घोषित फार्म भर कर देना होगा. इसमें उन्हें यह बताना होगा कि वे या उनके परिवार के कोई व्यक्ति बीते 15 दिनों के अंदर विदेश से तो नहीं लौटा है. उन्हें खांसी व बुखार तो नहीं है. यह फार्म देने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर के बाहर हेल्प डेस्क बनाया जाएगा तथा वहां फार्म उपलब्ध होंगे. सोमवार तक फार्म छापकर उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि भीतर काठ के अंदर जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. जगमोहन के अंदर लोगों की भीड़ एकत्रित होने नहीं दी जाएगी. अरुणस्तंभ व गरुड़ स्तंभ पर भी कुछ प्रतिबंध रहेगा. श्रद्धालु गरुड़ स्तंभ व अरुण स्तंभ को स्पर्श या आलिंगन नहीं कर सकेंगे. केवल इतना ही नहीं, मंदिर के अंदर देवता-देवियों को स्पर्श करने पर भी मनाही होगी. उन्होंने बताया कि श्रीमंदिर के अंदर आनंद बाजार में बैठने व प्रसाद व्यवस्था को नियंत्रित किया जाएगा. सेवा पूजा के दौरान सेवायतों को मास्क पहनने के लिए कहा जाएगा. सेवायतों को बार-बार हाथ धोने के लिए भी कहा जाएगा. सेवायत श्रद्धालुओं के आंखों पर कर्पूर नहीं लगायेंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर संकीर्तन पर भी रोक रहेगी. उन्होंने बताया कि संकीर्तन कहीं बाहर भी किया जा सकेगा. यह वहां हो यह जरुरी नहीं है.