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अपराध शाखा की दो टीमें हत्या के कारण पता लगाने में जुटीं
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स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की हत्या मामले में गोपाल दास के बड़े भाई और उनकी पत्नी से पूछताछ
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पुलिस को नहीं मिली गोपाल दास की रिमांड की अनुमति
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अदालत ने आरोपी को झारसुगुड़ा जेल भेजा
भुवनेश्वर। ओडिशा के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की हत्या के मामले में ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने जांच तेज कर दी है। हत्या के कारणों की गुत्थी सुलझाने के लिए अपराध शाखा की दो टीमें जांच में लगी हैं। बताया जाता है कि एक टीम ने आज हत्या की जांच के लिए झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर के गांधी चौक स्थित अपराध स्थल का दौरा किया, जबकि दूसरी टीम ने गंजाम जिले के जलेश्वरपुर गांव में गोपाल कृष्ण के पैतृक घर का दौरा किया। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की एक टीम गोपाल दास के बड़े भाई और उनकी पत्नी से आरोपी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में पूछताछ की।
बताया जाता है कि गोपाल कृष्ण की पत्नी स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के बाद से अपने जलेश्वरपुर गांव के घर में रह रही है। हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए अपराध शाखा की टीम ने उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की।
उधर, क्राइम ब्रांच की एक टीम ने ब्रजराजनगर के गांधी चौक के पास मौका मुआयना करने के साथ-साथ नव किशोर दास के ड्राइवर और निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) से पूछताछ की। आरोपी एएसआई ने मंत्री की हत्या क्यों और कैसे की, जैसे सवालों के जवाब क्राइम ब्रांच तलाश रही है। जांच के दौरान मानसिक रोग को लेकर भी पता लगाने की कोशिश हो रही है। गोपाल दास की पत्नी जयंती दास ने मीडिया को बताया था कि उनके पति मानसिक परेशानी से पीड़ित थे। इधर, एक वैज्ञानिक दल ने भी अपराध स्थल की 3-डी फोटो लेने के लिए मौके पर पहुंची।
इस बीच, अपराध शाखा ने कल गोपाल दास को यहां झारसुगुड़ा जेएमएफसी आवासीय अदालत में पेश किया और सात दिन की रिमांड के लिए आवेदन किया। हालांकि, अपील पर अदालत ने रोक लगा दी थी और आरोपी को झारसुगुड़ा जेल भेज दिया गया।
सरकारी वकील के मुताबिक, आरोपी की रिमांड के लिए मंगलवार को एक और अर्जी दाखिल की गई।
इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर और गोलियां बरामद
अपराध शाखा ने आरोपी एएसआई गोपाल कृष्ण दास के कब्जे से अपराध में इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर और तीन गोलियां बरामद की हैं। उन्हें आरोपी सिपाही के खून से सने कपड़े और मोबाइल फोन के साथ फोरेंसिक जांच के लिए यहां भुवनेश्वर स्थित स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) को भेजा जायेगा।
बंदूक और गोलियों को बैलिस्टिक जांच होगी
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब्त की गई बंदूक और गोलियों को बैलिस्टिक जांच के लिए भेजा जाएगा। यहां तक कि आरोपी के मोबाइल फोन को भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए एसएफएसएल को भेजा जाएगा। संभावना है कि इससे मामले को सुलझाने में मदद मिल सकती है।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड की होगी जांच
अपराध शाखा के सूत्रों ने बताया कि मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की भी जांच की जायेगी। इससे इस बात का विवरण मिल सकता है कि आरोपी अपराध से संबंधित किसी के संपर्क में था या नहीं। एसएफएसएल द्वारा चैट और वीडियो कॉल की भी जांच की जाएगी।