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प्रधानमंत्री आवास योजना के मुद्दे पर राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग

  • पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से 9.59 लाख योग्य हिताधिकारियों के चयन के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का भाजपा ने किया आग्रह

  • प्रधानमंत्री आवास योजना वितरण कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया जाए

भुवनेश्वर। प्रधानमत्री आवास योजना में ओडिशा के मिले अतिरिक्त 9.59 लाख घरों के लिए हितधिकारियों का चयन पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से करने के लिए राज्य सरकार को राज्यपाल निर्देश दें। भाजपा के एक प्रतिनिधिदल ने मंगलवार को राजभवन में जाकर इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा। इसी तरह इस प्रतिनिधिदल ने प्रधानमंत्री आवास योजना वितरण कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किये जाने की मांग की।

इस ज्ञापन में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के आशा व आकांक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य को कुल 28 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना में घर दिया है। पूर्व में 2018 में आवास प्लस वेबसाइट में चार बार समय सीमा बढ़ाने के बावजूद राज्य सरकार हिताधिकारियों की सूची देने में नाकाम रही थी। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान व केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह के कारण आवास प्लस पोर्टल दोबारा खुला। इस योजना में 18 लाख हिताधिकारियों में से 12 लाख हिताधिकारियों को घर का आवंटन, वर्क आर्डर, बैंक भुगतान आदि में भारी अनियमितता देखी जा रही है। केन्द्रीय जांच से इसमें लगभग एक हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने की बात सामने आया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि योग्य हिताधिकारियों को ही आवास मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2018-19 में जो सूची आयी थी, उसे पार्टी के आधार पर तैयार किया गया था। इस बार भी जो सर्वे किया गया है, वह भी पार्टी के आधार पर किया गया है। राज्य सरकार गलत तरीके से पार्टी के लोगों को इस योजना का लाभ देने का प्रयास कर रही है। बीजू जनता दल के साथ जुड़े लोगों को ही इस योजना में लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। आम लोग व अन्य पार्टियों से जुड़े गरीब लोगों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए यदि योग्य लोगों को इस योजना से बंचित रखा जाएगा, तो भाजपा इस पर जोरदार आंदोलन करेगी। 2028-19 में प्रविजनल वेटिंग लिस्ट के अनुसार लगभग डेढ़ लाख योग्य हिताधिकारी थे। लेकिन इस बार के संभावित सूची में उन लोगों का नाम गायब है। इसलिए संदेह उत्पन्न हो रहा है।

भाजपा मांग करती है कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जाए तथा उस सूची को रेफरल के रुप में लेकर आवास का आवंटन किया जाए। अयोग्य हिताधिकारियों के बारे में सूचना देने व शिकायत करने वालों क नाम गुप्त रखा जाए, अन्यथा प्रत्येक गांव में विवाद होगा।

इस प्रतिनिधिदल का नेतृत्व भाजपा विधायक मोहन माझी ने किया। साथ ही प्रतिनिधिदजल में विधायक ललितेंदु महापात्र, सुकांत नायक डा मुकेश महालिंग, आदित्य माढ़ी, सनातन बिजुली, डा बुधान मुर्मू, पार्टी महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन, डा लेखाश्री सामंतसिंहार, पार्टी के प्रवक्ता ठाकुर रंजीत दास, अनिल बिश्वाल व मीडिया सेल के सह प्रमुख सुजीत दास शामिल थे।

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