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मरीजों में ईश्वर के दर्शन करें स्वास्थकर्मी – डा मनसुख

  • कहा- अगर अस्पताल के कर्मचारी हर मरीज में ईश्वर का दर्शन करेंगे, तो स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधरेगा

  • भुवनेश्वर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह में पढ़ाया स्वास्थ सेवा का पाठ

भुवनेश्वर। केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डा मनसुख भाई मंडाविया ने भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने अपने दीक्षांत संबोधन में डाक्टरों व अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को मरीजों में ईश्वर के दर्शन करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि ‘जीव ही शिव’ है। अगर हमारे सारे अस्पताल, अस्पताल के सारे कर्मचारी, अपने हर मरीज में ईश्वर का दर्शन करेंगे, तो निश्चित तौर पर हमारी स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधरेगा और मरीजों की संतुष्टि काफी बढ़ जाएगी।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप विद्यार्थी से प्रोफेशनल बनकर अपने संबंधित क्षेत्र में काम करने जाते हैं और आपका लर्निंग प्रोसेस जिंदगी भर चलता रहेगा, लेकिन आपकी भूमिका बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में जब हम जाते हैं और हम बताते हैं कि हम डॉक्टर हैं, तो लोगों का देखने का तरीका बदल जाता है, लेकिन जब हम यह बताते हैं कि हम एम्स के डॉक्टर हैं, तो ये और भी सम्मान की बात हो जाती है। आप सब एम्स के डॉक्टर बनकर जा रहे हैं, इस मोरल वैल्यू व एथिक्स को आपको आगे बढ़ाना है। ये जो डॉक्टरी के प्रिंसिप्लस हैं, उसको आगे बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि आप भी कल से डॉक्टर बनके एक स्वतंत्र व्यवसाय में या कहीं पर काम करोगें तो अपने मन में यह भाव हमेशा रखना और कोशिश करना कि हमारा पहला ध्येय मरीजों की सेवा करना हो और दूसरा ध्येय भी मरीजों की सेवा करना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार स्वास्थ्य को विकास से जोड़ने का काम किया। जब हम स्वास्थ्य को विकास से जोड़कर देखते हैं, तो हमें होलिस्टिक स्वास्थ्य का मतलब समझ में आता है। होलिस्टिक स्वास्थ्य में शारीरिक स्वास्थ्य व मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत, हमने लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से एम्स भुवनेश्वर में 150 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर (संक्रामक रोग) अस्पताल की आधारशिला रखी।

उनहोंने बताया कि 2 मॉड्यूलर ओटी, 6 बिस्तर वाले आईसीयू, एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर, एक स्किन बैंक और उन्नत उपकरणों के साथ लेजर उपचार फिजियोथेरेपी के साथ जले हुए रोगियों के ईलाज के लिए एक विशेष 36 बिस्तर वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया। यह अस्पताल एनटीपीसी के सहयोग से विकसित किया गया है।

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा भारती प्रवीण पवार, भुवनेश्वर सांसद अपराजिता षाड़ंगी तथा एम्स के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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