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बीजू जनता दल और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने
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दोनों दलों के नेताओं ने एक दूसरे पर निशाना साधा
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बीजद ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को फिर से शुरू करने की मांग की
भुवनेश्वर। ओडिशा में मुफ्त चावल वितरण की योजना को लेकर राजनैतिक तकरार बढ़ने लगा है। बीजू जनता दल (बीजद) व भाजपा के बीच का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। आज दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी की और निशाना साधा। बीजू जनता दल ने केन्द्र सरकार पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बंद किये जाने को लेकर हमला बोला और सवाल उठाये। भाजपा के प्रदेश महासचिव गोलक महापात्र ने इस बयान पर कटाक्ष किया और कहा कि आखिरकार सस्मित पात्र ने सच्चाई स्वीकार कर ली है कि केंद्र की योजना को राज्य सरकार अपना बता रही है।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ओडिशा की 3.25 करोड़ आबादी को मुफ्त चावल देने की घोषणा के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के बीच टकराव चल रहा है।
केंद्र ने पांच किलो चावल बंद किया – पात्र
बीजद के प्रवक्ता सस्मित पात्र ने बीजद कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में प्रति व्यक्ति को पांच किलो चावल दे रही थी। इसी तरह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में और पांच किलो चावल प्रति व्यक्ति दिया जा रहा था। इसी तरह कुल 10 किलो चावल प्रति व्यक्ति मिल रहा था, लेकिन वर्तमान में केन्द्र सरकार ने केवल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पांच किलो चावल प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्य़ाण योजना को बंद कर दिया गया है। इससे गरीब कल्याण योजना को बंद किये जाने के कारण लोगों को भारी दिक्कतें आ रही हैं।
सूची में नये लोगों के नाम नहीं हो रहे शामिल
पात्र ने कहा कि ओडिशा के नये लाभार्थी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शामिल होने के लिए प्रतीक्षा में हैं, लेकिन उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है। इसका कारण है कि केन्द्र सरकार पुरानी सूची को लेकर चल रही है। राज्य सरकार के चाहने के बावजूद योग्य हिताधिकारियों को उसमें शामिल नहीं किया जा पा रहा है। इस कारण हम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को पुनः प्रारंभ करने की मांग करते हैं।
सस्मित पात्रा ने सच्चाई स्वीकारी – गोलक
पात्र के आरोपों के जवाब में भाजपा के प्रदेश महासचिव गोलक महापात्र ने कहा कि आखिरकार सस्मित पात्र ने सच्चाई स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि ओड़िया भाषा में एक कहावत है कि ‘हनु माला बेलाकु सता कहे’ अर्थात बंदर सच बोलता है, जब अंत निकट होता है। ऐसा लगता है कि अंत निकट है, क्योंकि सस्मित पात्र ने आज स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री चावल देते रहे हैं और अब बंद कर दिया। सस्मित पात्र को इस सच्चाई को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे दे रहे थे, न कि बीजद।
अब पूरा खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी
महापात्र ने कहा कि तथ्य यह है कि एक किलोग्राम चावल की कीमत 37.28 रुपये थी। इसमें से राज्य सरकार का अंशदान 2 रुपये था और शेष 35.28 रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया था। अब पूरा खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी। लाभार्थियों तक चावल कैसे पहुंचे, इसकी योजना बनाने के बजाय बीजद घड़ियाली आंसू बहा रही है।