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स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ जयंत पंडा ने किया दावा
भुवनेश्वर। चीन सहित कई देशों में कोरोना के ऑमिक्रॉन के सब-स्ट्रेन बीएफ.7 और एक्सएक्सबी के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ जयंत पंडा ने आज दावा किया कि इससे ओडिशा के लिए बिल्कुल कोई खतरा नहीं है।
दैनिक कोरोना अपडेट में राज्य के लोगों को जानकारी देते हुए पंडा ने कहा कि ओमिक्रॉन के उप-वेरिएंट ने चीन, जापान, थाईलैंड, सिंगापुर, यूरोप और अन्य देशों में पाजिटिव मामलों में वृद्धि की है। विश्वस्तर पर 3 से 5 लाख दैनिक कोविद-19 के मामले दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन भारत में आज केवल 185 मामले पाजिटिव पाये गये हैं।
हल्के लक्षण वाले हैं नये मामले
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ जयंत पंडा ने कहा कि देश में जो मामले सामने आ रहे हैं वे हल्के लक्षण वाले हैं और कोई अस्पताल में भर्ती नहीं है। विदेशों में उनकी गलत नीतियों के कारण कोविद की स्थिति गंभीर है।
ओडिशा में स्थिति है ठीक
डाक्टर पंडा ने कहा कि कुल 6000 परीक्षणों में से एक या दो पाजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पूरी तरह से सुसज्जित है और पिछले दो महीनों में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। दूसरे देशों की तुलना में भारत और ओडिशा में स्थिति ठीक है।
ओडिशा में दैनि पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी
पंडा के मुताबिक, ओडिशा में दैनिक केस पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी और साप्ताहिक 0.012 फीसदी है। इससे जाहिर है कि कुल मिलाकर कोरोना को लेकर प्रबंधन अच्छा रहा है और फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के कारण आबादी के बीच न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी में वृद्धि हुई है।
दूसरे बूस्टर खुराक कोई प्रावधान नहीं
दूसरे बूस्टर डोज के बारे में पंडा ने कहा कि अभी आईसीएमआर से ऐसा कोई प्रावधान नहीं आया है। फिलहाल देश के कई हिस्सों में पहले डोज बूस्टर का काम पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया है। दूसरे देशों में यह पाया गया है कि छह महीने में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी कम हो जाती है।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पड़ सकती है दूसरी बूस्टर डोज की जरूरत
डा पंडा ने कहा कि सह-रुग्णता वाली आबादी और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके लिए दूसरी बूस्टर खुराक की जरूरत पड़ सकती है।
नियमों के पालन पर जोर
उन्होंने कहा कि सबकुछ के बावजूद हम लोगों से अपनी पहली बूस्टर खुराक लेने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और कोविद के नियमों के उचित पालन करने पर जोर दे रहे हैं। सावधानियां जरूरी हैं।