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खेल जगत में ओडिशा की एक नई मिशाल: नन्हीं गुड़िया ने रचा इतिहास

  • महज दो वर्ष की आयु में भारत के 3,287,000 किमी के क्षेत्रफल को पजल में तीन मिनटों में सहेजा

  •  ना तो कोई गेम छोटा है और ना ही प्रतिभा के लिए उम्र छोटी

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर।

खेल की दुनिया में परचम लहरा रहे ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मात्र दो वर्ष पांच महीने 21 दिन की नन्हीं बच्ची ने खेल जगत में अपना लोहा स्थापित कर दिया है। खेल-खेल में इस बच्ची ने पजल गेम में एक रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। कहने को तो पजल गेम है, मगर इसकी एक सोच ने भारत के पूरे क्षेत्रफल में मौजूद देश की सभी राजधानी को मात्र 3 मिनट 50 सेकेंड एवं 45 मिली सेकेंड समय में पजल में सहेज कर एक नया रिकार्ड स्थापित किया है। इस बच्ची का नाम अद्विका भुरा है और वह भुवनेश्वर के समाजसेवा के क्षेत्र से ताल्लुकात रखने वाले प्रकाश भुरा की पौत्री है।

उसके पिता राकेश भुरा तथा माता मनीषा भुरा ने बताया कि बच्ची ने उत्तर से दक्षिण तक फैले 3,055 किलोमीटर क्षेत्रफल तथा पूर्व से पश्चिम 2,933 किलोमीटर क्षेत्रफल वाले भारतीय नक्से को अपने दिमाग में बैठा लिया है। पजल को खेलते-खेलते उसे यह पता चल गया है कि उत्तर भारत से दक्षिण भारत और पूर्व से पश्चिम भारत के बीच कौन सा राज्य कहां है। इसके साथ ही वह चुटकियों में इसे पजल में सहेज देती है। नन्हीं परी ने पजल खेलने की शुरूआत महज दो वर्ष के उम्र से ही शुरू कर दी थी और महज कुछ महीने के प्रयास में इसने रिकार्ड स्थापित करते हुए ना सिर्फ एक मिल का पत्थर हासिल किया, बल्कि दुसरों के लिए भी एक चुनौती खड़ी कर दी। अभिभावक दंपत्ति ने अपनी बेटी की इस उपलब्धि का श्रेय पूरा का पूरा उसी को समर्पित किया है और उसे उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। इसी तरह से प्रकाश भुरा ने कहा कि कुछ बच्चे भगवान की कृपा लेकर इस धरा पर आते हैं और उन उपलब्धियों को हासिल करने में थोड़ा भी विलम्ब नहीं करते हैं। कुछ इसी तरह से भगवान की अनुकम्पा लेकर यह बच्ची आयी है और महज कुछ महीने में खेल-खेल में मेहनत को स्थापित करते हुए ना सिर्फ एक मिसाल कायम किया, बल्कि एक संदेश भी दिया कि अगर ठान लिया जाए और चुनौतियों को खेल के मनोरंजन के रूप में लेकर क्रियान्वित किया जाए, तो किसी भी मुकाम को हासिल करना असम्भव नहीं है। इस बच्ची के खेल ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है। उल्लेखनीय है कि ओडिशा सरकार निम्न स्तर पहुंच चुकी हाकी के खेल को बढ़ावा देने को एक नई कवायद शुरू की और उसे नए मुकाम पर पहुंचा रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक और अनोखी पहल शुरू कर दी है। इसके तहत वह इस वर्ष भुवनेश्वर की राजधानी और राउरकेला में आयोजित होने वाले पुरुष हाकी विश्वकप के मैच की शोभा बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए देश के सभी राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक चाहते हैं कि हर राज्य अपने स्तर पर किसी न किसी एक खेल को प्रोत्साहित करें, ताकि उनकी मान्यता स्थापित होने के साथ साथ प्रतिभाओं को एक बड़ा अवसर मिले। ऐसी स्थिति में इस नन्हीं बच्ची ने एक छोटे गेम को भी बड़े गेम में तब्दील करने के लिए ध्यान आकर्षण किया है। बच्ची की इस प्रतिभा ने यह साबित कर दिया है कि ना तो कोई गेम छोटा है और ना ही प्रतिभा के लिए उम्र छोटी है। अगर हौसले बुलंद हो तो कार्य मनोरंजक हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।

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