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कोरोना को लेकर ओडिशा अलर्ट, परीक्षण बढ़ाने का निर्णय

  •  विदेशों में बढ़ते संक्रमण को लेकर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित

  •  लोगों से मास्क पहनने, हाथों को सेनिटाइज करने तथा कोरोना नियमों का उचित पालन करने की अपील

भुवनेश्वर। दुनियाभर में कोरोना के नये संस्करण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य में कोरोना परीक्षण की दर को बढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि राज्य में कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात काफी नियंत्रित हैं। फिलहाल एक भी व्यक्ति आईसीयू में भर्ती नहीं है, लेकिन दुनियाभर की हालात को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क है और राज्य के अस्पतालों में अभ्यास को अभी से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। सभी अस्पतालों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। ये सभी निर्णय आज यहां आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में लिये गये हैं।
कोरोना के नये संस्करण के कारण कई देशों में बढ़ते संक्रमण की पृष्ठभूमि के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को लोगों से मास्क पहनने और हाथों को सेनिटाइज करने के अभ्यास करने सहित कोविद नियमों के उचित पालन करने की अपील की है।
उच्चस्तरीय बैठक के बाद राज्य की स्वास्थ्य विभाग की सचिव शालिनी पंडित ने कहा कि भले ही ओडिशा में कोविद परीक्षण राष्ट्रीय औसत के अनुसार संतोषजनक है, फिर भी राज्य भर में परीक्षण बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
दिसंबर में रोजाना औसतन 10 मामले
पंडित के अनुसार, भारत और ओडिशा में अब तक कोविद-19 की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और स्थिर है। नवंबर से अब तक 15 से कम मामले सामने आए हैं। अब ओडिशा में रोजाना औसतन 10 मामले सामने आ रहे हैं। प्रति मिलियन परीक्षण दर राष्ट्रीय औसत के अनुसार काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में एक भी व्यक्ति आईसीयू में भर्ती नहीं हुआ है। स्वास्थ्य और अन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि जापान और जर्मनी सहित दुनिया के कई हिस्सों में कोविद-19 मामलों की दैनिक संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
नया वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक, लेकिन गंभीरता के सबूत नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार नया वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन वेरिएंट की गंभीरता के बारे में कोई सबूत नहीं हैं। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नया वैरिएंट उन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है, जिन्हें पहले ही टीका लगाया जा चुका है।
ओमिक्रॉन के समान है गंभीरता
राज्य की स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत और ओडिशा में प्रचलित कोविद वैरिएंट की गंभीरता ओमिक्रॉन गंभीरता के समान है, जिसका उन्होंने अतीत में सामना किया था।
विशेषज्ञों की समूह चर्चा के दौरान भारत सरकार ने कोविद वैरिएंट (ओमिक्रॉन की उप-वंशावली) के संबंध में भी चर्चा की। तीसरी लहर के दौरान बीए.2 वैरिएंट प्रमुख था और जिस वैरिएंट की अब चर्चा की जा रही है, वह बीएफ.7 और एक्सबीबी है।

दवाओं का पर्याप्त भंडार
पंडित ने कहा कि आज हमने परीक्षण को बढ़ाने का फैसला किया है, भले ही यह बड़े पैमाने पर किया जा रहा हो। हमारे यहां दवाओं का पर्याप्त भंडार है और ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। पंडित ने आगे कहा कि सकारात्मक मामलों की पूरी जीनोम अनुक्रमण करने का भी निर्णय लिया गया है। हमने एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पूरे जीनोम अनुक्रमण के संचालन के लिए केंद्र में आवेदन किया है।

अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया, मॉक ड्रील होगी
स्वास्थ्य सचिव ने आगे बताया कि सभी अस्पतालों को पूरी तैयारी के साथ तैयार रहने को कहा गया है। जल्द ही तैयारियों की जांच के लिए अस्पतालों और ऑक्सीजन संयंत्रों में मॉक ड्रील आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार केंद्र से एहतियाती खुराक की आपूर्ति बहाल करने का आग्रह करेगी और हम लोगों से कोविद के उचित व्यवहार का पालन करने का आग्रह करते हैं।

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