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ना तो आरोपी नाग और ना ही स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी कर रहा सहयोग
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प्रवर्तन निदेशालय ने लगाया असहयोग का आरो
भुवनेश्वर। ओडिशा में सुर्खियों में छायी महिला ब्लैकमेलर अर्चना नाग के मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लाचार दिख रहा है। ईडी जांच में असहयोग का आरोप कई बार लगा चुका है। पहले ईडी ने कहा कि हनी ट्रैप मामले की जांच में महिला ब्लैकमेलर अर्चना नाग मदद नहीं कर रही है। अब उसने आरोप लगाया है कि स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) सहयोग नहीं कर रहा है, जिससे जांच प्रक्रिया बाधित हो रही है।
हालांकि एसएफएसएल ने डिजिटल फोरेंसिक रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दी है।
इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी को कथित तौर पर जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एसएफएसएल से उदासीन प्रतिक्रिया मिली है। एजेंसी ने फोरेंसिक लैब से डिजिटल डेटा मांगा था जिसे लैब के अधिकारियों ने कथित तौर पर नकार दिया था।
ईडी को डिजिटल डेटा के सुराग के आधार पर नाग और उसके पति जगबंधु चंद के खिलाफ अपनी जांच तेज करनी थी।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, उसे अर्चना के घर का सीसीटीवी फुटेज मिलना बाकी है, क्योंकि सौंपी गई रिपोर्ट में वह नहीं है। रिपोर्ट में हार्ड डिस्क से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा, रिपोर्ट में अर्चना के कब्जे से जब्त किए गए सामान का कोई जिक्र नहीं है। डिजिटल रिपोर्ट के पहले चरण में जगबंधु और उनके करीबी रिश्तेदारों के बारे में जानकारी के अलावा कोई प्रासंगिक जानकारी नहीं है।
पता चला है कि राज्य का फोरेंसिक विभाग जल्द ही अपनी डिजिटल रिपोर्ट का दूसरा चरण जमा करेगा, जिसमें अर्चना और उनके पति जगबंधु से जब्त की गई चीजों से संबंधित जानकारी हो सकती है।
हालांकि, ईडी को इस बात का पता नहीं है कि एसएफएसएल दूसरे चरण की रिपोर्ट कब सौंपेगी।
अर्चना ने अपनी आलीशान बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरा लगा रखा था, लेकिन कैमरे में कैद सच्चाई का पता लगाने के लिए ईडी को अभी तक फुटेज नहीं मिली है।