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मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने संबंधित विभागों को दिया अधिकार देने का निर्देश
भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने भुवनेश्वर और कटक जैसे शहरों में लीजहोल्ड भूमि को फ्रीहोल्ड प्लॉट में आसानी से बदलने की प्रक्रिया शुरू करेगी। मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सामान्य प्रशासन एवं लोक शिकायत तथा आवास एवं शहरी विकास विभागों को विकास प्राधिकरणों और राज्य आवास बोर्ड के पक्ष में लीजहोल्ड भूमि को फ्रीहोल्ड प्लॉट में बदलने की शक्ति देने की सलाह दी।
साथ ही दोनों विभागों को मुख्य सचिव ने एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए भूमि संपरिवर्तन शक्ति के विकेन्द्रीकरण के संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अधिकार के विकेंद्रीकरण से लीजहोल्ड प्लॉटों को आसानी से फ्रीहोल्ड में बदलने के लिए जमीन धारकों को फायदा होगा।
बैठक में राजधानी के चंद्रामा हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में आवास उपलब्ध कराने वाले लोगों के विभिन्न मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एक माह के भीतर इन सभी समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया है।
यहां उल्लेखनीय है कि सामान्य प्रशासन एवं लोक शिकायत विभाग ने भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) और ओडिशा राज्य आवास बोर्ड को क्रमश 37 और 44 आवास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए राजधानी शहर में विभिन्न स्थानों पर कम से कम 1,105 एकड़ भूमि पट्टे पर दी है।
इसी तरह, राजस्व व आपदा प्रबंधन और आवास तथा शहरी विकास विभागों के माध्यम से आवास योजनाओं के लिए कटक विकास प्राधिकरण (सीडीए) को कई एकड़ सरकारी भूमि पट्टे पर दी गई है।
बीडीए और सीडीए की ओर भूमि रूपांतरण अधिकार के विकेंद्रीकरण से दोनों शहरों में 50,000 से अधिक परिवारों को लाभ होने की संभावना है।
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