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झारसुगुड़ा हवाई अड्डा कृषि उड़ान योजना 2.0 में शामिल

  •  जल्द खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन को मिलेगी सुविधा

भुवनेश्वर। ओडिशा का झारसुगुड़ा हवाई अड्डा केंद्र सरकार द्वारा संचालित कृषि उड़ान योजना 2.0 में शामिल हो गया है। कृषि उड़ान योजना 2.0 के तहत देश के कुल 58 हवाई अड्डों को शामिल किया गया है, जिसमें ओडिशा से सिर्फ झारसुगुड़ा को स्थान मिला है।
यह जानकारी नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
कृषि उड़ान योजना 2.0 की घोषणा 27 अक्टूबर, 2021 को की गई थी। इसमें मौजूदा प्रावधानों को बढ़ाते हुए मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हवाई परिवहन द्वारा कृषि-उत्पाद की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) भारतीय मालवाहकों के लिए लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नेविगेशनल लैंडिंग शुल्क (टीएनएलसी), और पैसेंजर-टू-कार्गो विमान और रूट नेविगेशन सुविधा शुल्क (आरएनएफसी) की पूर्ण छूट प्रदान करता है। इस योजना में मुख्य रूप से अन्य क्षेत्रों में 28 हवाई अड्डों के अलावा पूर्वोत्तर, पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले लगभग 25 हवाई अड्डे शामिल हैं। कृषि उड़ान 2.0 के मूल्यांकन के बाद कुल 58 हवाई अड्डों में पांच और हवाई अड्डों को शामिल किया गया है।
शुरुआत में छह महीने के पायलट प्रोजेक्ट में 53 हवाईअड्डों को शामिल किया गया था। इसके बाद समीक्षा के दौरान पांच और हवाईअड्डे जोड़े गये।
इस प्रकार कुल 58 हवाई अड्डों आदमपुर, अगरतला, अगत्ती, आगरा, अमृतसर, बागडोगरा, बरेली, भुज, भुंतर, चंडीगढ़, कोयम्बटूर, देहरादून, डिब्रूगढ़, दीमापुर, गग्गल, गोवा, गोरखपुर, हिंडोन, इम्फाल, इंदौर, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, जोरहाट, कानपुर, कोलकाता, लेह, लेंगपुई, लीलाबारी, नासिक, पाक्योंग, पंतनगर, पठानकोट, पटना, पिथौरागढ़, पोर्ट-ब्लेयर, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजकोट, रांची, रूपसी, शिलांग, शिमला, सिलचर, श्रीनगर, तेजपुर, तेजू, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, वाराणसी, विशाखापट्टनम, बेलगावी, भोपाल, दरभंगा, जबलपुर और झारसुगुड़ा शामिल हैं।
कृषि उड़ान योजना जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों के लिए जरूरत के मुताबिक हवाई परिवहन और रसद सहायता प्रदान करने के लिए है।

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