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ओडिशा में किसी भी सरकारी सेटअप में हुई पहली प्रक्रिया
भुवनेश्वर। एम्स भुवनेश्वर ने इन्फ्रारेनल महाधमनी के एक बड़े स्यूडोएन्यूरिज्म से पीड़ित एक मरीज में एक प्रमुख एंडोवास्कुलर एओर्टिक एन्यूरिज्म रिपेयर (ईवीएआर) का सफलतापूर्वक संचालन किया है, जिसमें बाएं गुर्दे की धमनी शामिल है। यह इंटरवेंशनल प्रक्रिया ओडिशा में अपनी तरह की पहली प्रक्रिया है, जिसे किसी भी सरकारी प्रतिष्ठान ने बेहद कम लागत पर किया है। बताया गया है कि कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग और एनेस्थिसियोलॉजी तथा क्रिटिकल केयर विभाग के सहयोग से एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों की टीम ने यह सफलता हासिल की है। इस टीम में रेडियोडायग्नोसिस और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग भी शामिल था।
ईवीएआर पेट की महाधमनी धमनीविस्फार के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली एक न्यूनतम इनवेसिव एंडोवस्कुलर सर्जरी है। इसमें महाधमनी धमनीविस्फार का इलाज करने के लिए सीधे महाधमनी पर संचालन के बिना महाधमनी के भीतर एक स्टेंट ग्राफ्ट की नियुक्ति शामिल है। ग्राफ्ट धमनी के लिए एक नया अस्तर बनाता है, जिससे टूटने का खतरा कम होता है। उच्च तकनीक और डॉक्टरों के अनुभवी हाथों की मदद से की गई प्रक्रिया ने मरीज को एक नया जीवन प्रदान किया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि निजी क्षेत्र में यह प्रक्रिया बहुत महंगी (10-15 लाख) है, लेकिन एम्स में इसे पांच लाख रुपये की लागत से किया गया है। मरीज अब ठीक है।
सबसे पहले, डॉ. सत्यप्रिया मोहंती, सीटीवीएस विभाग द्वारा बाइलेटरल फेमोरल आर्टरी एक्सपोजर किया गया। इसके बाद इंटरवेंशन रेडियोलॉजी टीम द्वारा बाईं रीनल आर्टरी, एओर्टा और बाइलेटरल कॉमन इलियाक आर्टरीज में मैटेलिक स्टेंट लगाया गया। प्रक्रिया सामान्य संज्ञाहरण के तहत की गई थी और निगरानी डॉ सत्यजीत मिश्रा (एचओडी) और डॉ. सौम्य सरकार ने की थी।
एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने टीम को सफलता के लिए बधाई दी है और डॉक्टरों को भविष्य में इस तरह की हस्तक्षेप प्रक्रियाओं को करने के लिए प्रोत्साहित किया है।