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कोरोना वायरस से बचाव के लिए सतर्कता पर फोकस देने की अपील
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सभा में महिलाओं को सशक्त करने पर दिया गया जोर
भुवनेश्वर. अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे प्रदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह मनाया गया. इस अवसर पर राजधानी भुवनेश्वर में तेरापंथ महिला मंडल की भुवनेश्वर शाखा की तरफ से आयोजित समारोह में न सिर्फ समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया, बल्कि पुरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बने कोरोना वायरस से बचाव के संदेश भी दिए गए तथा लोगों से सतर्क रहने की अपील की गयी. मंडल की अध्यक्ष मुन्नी बेताला के नेतृत्व में रविवार सुबह राजधानी में कल्पना चौक से निकाली गई विशाल जागरूकता रैली में महिला सशक्तिकरण के संदेश के साथ कोरोना वायरस से प्रदेश को बचाने के लिए प्लाकार्ड के जरिए लोगों को जागरूक भी किया गया. इसके बाद सभा में अध्यक्ष मुन्नी बेताला ने सभी आगंतुकों का स्वागत करने के साथ गुरूदेव तुलसी के बारे में बताते हुए अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पूरे समाज के सहयोग से आज का यह कार्यक्रम सफल हुआ है. मंत्री प्रेमलता सेठिया ने साध्वी प्रमुखा श्री कनक प्रभा जी के संदेश का वाचन किया. महिला दिवस पर निकली जागरूकता रैली में सैकड़ों की संख्या में महिला मंडल, कन्या मंडल एवं विभिन्न कालेज की छात्राओं ने भाग लेकर आज यह जाहिर कर दिया कि आज महिलाएं पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी हैं. इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली कुछ प्रतिभावान महिलाओं को तेरापंथ महिला मंडल की तरफ से सम्मानित किया गया. इसमें मुख्य रूप से तपस्विनी आरूख, संध्या पंडा, पोली पटनायक, डा. लीना दास शामिल थीं. समारोह में इन अतिथियों के साथ मंडल की अध्यक्ष मुन्नी बेताला, मंत्री प्रेमलता सेठिया उपस्थित थीं. मंच संचालन रश्मि बेताला एवं सोनू गोल्छा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन महिला मंडल की उपाध्यक्ष अरुणा सिंघी ने किया. कन्या मंडल के कार्यक्रम का संचालन साक्षी बेताला, कोमल चोरड़िया ने किया. कन्या मंडल के लिए धन्यवाद ज्ञापन मुक्ता बरड़िया ने किया. इस अवसर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिला मंडल, कन्या मंडल की सदस्यों ने अपनी कला के जरिए उपस्थित सभी का दिल जीत लिया. मंडल की तरफ से प्रेरणा सम्मान जैन चेयर उत्कल यूनिवर्सिटी की चेयरमैन सुचित्रा दास को दिया गया. कर्मठ कार्यकर्ता सम्मान तेरापंथ ज्ञान शाला की संचालक नयन तारा सुखानी को प्रदान किया गया. इस अवसर पर समाज के तमाम घटक जैसे तेरापंथ समाज, युवक परिषद, माहेश्वरी समाज, मारवाड़ी समाज व अन्य समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे. समारोह में सभाध्यक्ष महेश सेठिया, उपाध्यक्ष बच्छराज बेताला, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष रतन मणोत, समाज के वरिष्ठ सदस्य डा. प्रकाश बेताला, ज्ञानशाला प्रभारी नरपत बेताला के साथ समाज के कई महानुभाव इस अवसर पर उपस्थित थे. इस अवसर पर महिला मंडल की सदस्य विशाखा बेताला ने सुन्दर गीतिका प्रस्तुत की.
मां ममी बनी और स्विगी मां – पोली पटनायक
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महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वस्थ परिवार और खुशहाल परिवार बनाये रखने का किया आह्वान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित सभा में मदर्स पब्लिक स्कूल की निदेशक सह प्राचार्य पोली पटनायक ने कहा कि आज महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वस्थ परिवार और खुशहाल परिवार बनाये रखना बड़ी चुनौती है. महिलाएं हर चुनौती को पार कर रही हैं. महिलाओं में जितनी शक्ति है, उतनी शक्ति किसी और में नहीं है. महिलाएं सृजनशील होती हैं. आज हर क्षेत्र में वह अपना लोहा मनवा रही हैं. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं है कि हम अपनी दायित्यों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ें. हमें परिवार का ध्यान भी रखना है. स्वस्थ परिवार और खुशहाल परिवार भी रखना है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं कि मां ममी बन जाये और स्विगी मां. घर में खाना नहीं बनने के कारण बच्चों को स्विगी से खाना आर्डर करना पड़ रहा है. परिवार संयोजन भी हमारी बड़ी जिम्मेदारी है. इसलिए आप आगे बढ़ते हुए सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाइएं. इसके लिए जो जरूरी चीजें होती हैं, वह महिलाओं को ही सिर्फ प्राप्त है. उन्होंने कहा कि महिलाएं सृजनशील होने के साथ-साथ सहनशील भी होती हैं. महिलाओं की गुणों के कारण ही सभी देवियों से इनकी तुलना की जाती है. इसलिए आप अपने गुणों को सशक्त बनाते हुए स्वस्थ परिवार और खुशहाल परिवार की नींव भी रखें, ताकि यहां स्वस्थ समाज का गठन हो सके.
महिला सशक्तिकरण के साथ परिवार में संतुलन बड़ी जिम्मेदारी – प्रकाश बेताला
जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश बेताला ने आज यहां सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ परिवार में संतुलन भी एक बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि समाज में आज विवाह विच्छेद के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आज यह विषय पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है. इसलिए महिलाएं सशक्त बनते हुए इस विषय पर भी ध्यान केंद्रित करें और सिर्फ महिलाएं ही नहीं, अपितु पूरे परिवार को इस विषय पर सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि महिलाएं सृजनशील होती हैं और टूटते परिवारों को नये सिरे बचाते हुए एक खुशहाल परिवार का सृजन भी करना इनकी जिम्मेदारी है. इसमें परिवार के पूरे सदस्यों को साथ देना चाहिए. उन्होंने सभी महिलाओं से एक खुशहाल परिवार का सृजन करने का आह्वान किया.